गंगा सफाई मामले में अफसरों को एनजीटी की कड़ी फटकार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों में 30 गंदे नाले गिरते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 19 Oct 2016 10:00 PM (IST) Updated:Wed, 19 Oct 2016 10:04 PM (IST)
गंगा सफाई मामले में अफसरों को एनजीटी की कड़ी फटकार

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने गंगा सफाई अभियान को गंभीरता से नहीं लेने के लिए इससे जुड़े अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व में एक पीठ गंगा सफाई मामले की सुनवाई कर रही है।

नदी में गिरने वाले नालों पर बुधवार को विभिन्न पक्षों ने अलग-अलग जानकारी दी। इससे नाराज पीठ ने अधिकारियों से कहा कि आप किताब-पर-किताब छापते जा रहे हैं। लेकिन आपको कुछ नहीं पता है। हम आपसे सिर्फ नदी के पांचवें हिस्से के बारे में सवाल कर रहे हैं, जिसकी लंबाई महज ढाई हजार किलोमीटर से कुछ ज्यादा है। लेकिन इसके बावजूद आपके पास पक्की जानकारी नहीं है।

दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों में 30 गंदे नाले गिरते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, यह संख्या 172 है। बोर्ड ने कहा कि इनमें 150 गंदे नाले सीधे गंगा और सहायक नदियों में गिरते हैं। उत्तर प्रदेश जल निगम ने कहा कि ऐसे कुल 172 नाले हैं, जिनमें 83 नाले गंगा में जाकर खत्म हो जाते हैं।

पैनल का गठन किया

गंगा में गिरने वाले गंदे नालों पर रिपोर्ट देने के लिए एनजीटी ने एक पैनल का गठन कर दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव, उप्र जल निगम के मुख्य इंजीनियर, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अधिकारी और स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय परियोजना के एक प्रतिनिधि को इसका सदस्य बनाया गया है।

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