Hindi Hain Hum: भाषा और मां सम्मानित होतीं हैं अपनी संतान से: प्रोफेसर संजय द्विवेदी
लेखक राहुल चौधरी के साथ बातचीत में संजय द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि भाषा और मां अपनी संतान से सम्मानित होती हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा है। मां चाहे जैसी हों संतान को उनका आदर करना ही चाहिए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इस अकादमिक सत्र से जम्मू और अमरावती केंद्र पर हिंदी में पत्रकारिता की पढ़ाई आरंभ की जाएगी। दैनिक जागरण के मंच हिंदी हैं हम पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने ये महत्वपूर्ण घोषणा की। संजय द्विवेदी ने ‘हिंदी हैं हम’ के हिंदी उत्सव में ये भी बताया कि उनका संस्थान हिंदी पत्रकारिता के छात्रों के लिए स्तरीय पाठ्य सामग्री का निर्माण करने जा रहा है। उनके मुताबिक विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश के बाद हिंदी के लेखकों और पत्रकारों को पाठ्य पुस्तकें लिखने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। भारतीय जन संचार संस्थान इन पुस्तकों का प्रकाशन और वितरण करेगा ताकि छात्रों को पुस्तकों की अनुपलब्धता का सामना नहीं करना पड़े। हिंदी के बाद अन्य भारतीय भाषाओं में भी पाठ्य पुस्तकों पर काम किया जाएगा।
‘हिंदी हैं हम’ के हिंदी उत्सव में बोले भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक
लेखक राहुल चौधरी के साथ बातचीत में संजय द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि भाषा और मां अपनी संतान से सम्मानित होती हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा है। मां चाहे जैसी हों संतान को उनका आदर करना ही चाहिए। उनका मानना है कि भाषा कभी भी विद्वता का पर्याय नहीं हो सकती है। भाषा तो अभिव्यक्ति का माध्यम है। यह एक गलत धारणा बन गई है कि अगर ज्ञान को अंग्रेजी में अभिव्यक्त किया गया है तो वो महत्वपूर्ण होगा। इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होना चाहिए। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के वर्ष में इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होने का अच्छा अवसर है। आज स्थितियां बदलने लगी हैं और अभिभावक भी अपने बच्चों को भारतीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं। आपको बताते चलें कि अपनी भाषा को समृद्ध और मजबूत करने के लिए दैनिक जागरण का उपक्रम ‘हिंदी हैं हम’ के अंतर्गत हिंदी दिवस के मौके पर एक पखवाड़े का हिंदी उत्सव मनाया जा रहा है।