आमिर के डर को झुठला रहे हैं आंकड़े

आमिर खान को भले ही देश में बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता के कारण देश छोड़ने तक पर विचार करना पड़ गया हो, लेकिन आंकड़े इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। गृह मंत्रालय को रायों से मिले आंकड़ों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश में सांप्रदायिक झड़पों

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2015 08:12 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2015 11:43 AM (IST)
आमिर के डर को झुठला रहे हैं आंकड़े

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आमिर खान को भले ही देश में बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता के कारण देश छोड़ने तक पर विचार करना पड़ गया हो, लेकिन आंकड़े इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। गृह मंत्रालय को राज्यों से मिले आंकड़ों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश में सांप्रदायिक झड़पों की संख्या कम हुई है। यहां तक कि मोदी के राज में बड़ी सांप्रदायिक हिंसा (पांच से अधिक मौत या 10 घायल) की एक भी घटना नहीं हुई है। संप्रग सरकार के दौरान 2013 में ऐसी दो और 2014 में एक घटना हो चुकी है।

गृह मंत्रालय से संबंधित स्थायी संसदीय समिति में पेश करने के लिए तैयार आंकड़ों के अनुसार संप्रग सरकार के शासन काल में 2010 में सांप्रदायिक हिंसा की 701 घटनाएं हुईं। इनमें 116 लोग मारे गए और 2138 घायल हुए थे। 2011 में इनमें कमी आई और कुल 580 हिंसक घटनाओं में 91 मारे गए व 1899 घायल हुए। लेकिन 2012 में इसमें फिर इजाफा हुआ। इस साल सांप्रदायिक हिंसा की कुल 668 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 94 लोग मारे गए और 2117 घायल हुए। 2013 में यह आंकड़ा अपने चरम पर पहुंच गया। इस साल 823 घटनाओं में 133 लोग मारे गए और 2269 लोग घायल हुए थे।

मोदी सरकार बनने के बाद भले ही असहिष्णुता को लेकर शोर बढ़ गया हो, लेकिन आंकड़ों को देखें तो तस्वीर बिल्कुल दूसरी दिखाई देती है। मोदी सरकार मई 2014 में सत्ता में आई थी। 2013 में 823 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की तुलना में 2014 में केवल 644 घटनाएं ही दर्ज की गईं। इनमें 95 लोग मारे गए और 1921 घायल हुए थे। वहीं इस साल अक्टूबर तक की आंकड़ों के मुताबिक हिंसा की 630 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें 86 लोग मारे गए और 1899 घायल हुए।

सम्मान लौटाने वालों को कांग्रेस ने दिए पैसे: भाजपा नेता व डिब्रूगढ़ (असम) के सांसद रामेश्वर तेली ने आरोप लगाया है कि देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कहकर सम्मान लौटाने वाले लेखकों, कलाकारों, इतिहासकारों और वैज्ञानिकों को कांग्रेस द्वारा पैसे दिए गए हैं। वहीं असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने तेली द्वारा लगाए गए आरोपों की आलोचना की है। एक पत्रकार वार्ता में तेली ने कहा कि देश में फासिस्टवादी प्रवृत्ति बढ़ने के विरोध में राष्ट्रीय सम्मान लौटाने वाले प्रत्येक लोगों को कांग्रेस ने 10 से 15 लाख रुपये तक दिए। उन्होंने दावा किया कि पुरस्कार विजेताओं को कांग्रेस के शासनकाल में सम्मानित किया गया था।

इन फिल्मकारों ने दिया साथः

जानेमाने फिल्म निर्माता संजय गुप्ता ने आमिर को कूटनीतिक होने का सुझाव दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि मन की बात कभी खुलकर नहीं कहनी चाहिए। इससे बेहतर है कि आप मुस्कराते रहें। या फिर ट्विटर ब्रिगेड का कोपभाजन बनें। संगीतकार विशाल डडलानी ने कहा कि आमिर की आवाज में दम है। यह किसी पार्टी या धर्म से जुड़े पागलों का नहीं, बल्कि सभी भारतीयों का देश है।


समर्थन में आई आप: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी (आप) ने फिल्म अभिनेता आमिर खान का देश में बढ़ रही असहिष्णुता से जुड़े बयान का समर्थन किया है। इसके साथ ही भाजपा पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा की मानसिकता से देश टूट रहा है। आप ने केंद्र सरकार से अपने नेताओं की बेतुकी बयानबाजी बंद करवाने की मांग की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि भाजपा अमन पसंद लोगों की आवाज को गालीगलौच व डरा-धमाकर शांत करना चाहती है। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि आम लोगों में घर कर रही डर की भावना को दूर करे। उधर, मीडिया से बात करते हुए आप नेता संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की मानसिकता से देश टूट रहा है। मुस्लिम समुदाय का काई भी व्यक्ति अगर अपनी बात सार्वजनिक करता है तो उसके खिलाफ बयानबाजी शुरू हो जाती है। संजय सिंह ने कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ 400 से ज्यादा लोगों ने अभी तक अपने अवार्ड लौटाए हैं। इसमें से ज्यादातर हिंदू हैं, लेकिन भाजपा नेता हमला करने के लिए किसी खान या मुनव्वर का नाम ढूंढ़ते हैं। संजय सिंह ने सवाल किया कि आमिर खान ने खुद अपनी हिंदू पत्नी के देश से बाहर जाने के बयान पर हैरानी जताई थी तो फिर वे देश विरोधी कैसे हो गए? संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता दूसरों को राष्ट्रवादिता का प्रमाण नहीं दे सकते। आमिर खान ने देश के हित में बहुत काम किया है।

अभिनेता से सहमत नहीं महावीर: अभिनेता आमिर खान के बढ़ती असहिष्णुता के कारण देश छोड़ने वाले बयान से फिल्म ‘दंगल’ के असली हीरो भिवानी (हरियाणा) जिले के बलाली गांव के महावीर पहलवान सहमत नहीं हैं। महावीर के जीवन पर आमिर दंगल नाम से फिल्म बना रहे हैं। स्टार महिला पहलवान गीता फोगाट और बबीता के पिता महावीर से जब पूछा गया कि क्या वह आमिर के देश छोड़ने वाले बयान से सहमत हैं तो उन्होंने कहा कि पता नहीं आमिर ने ऐसा क्यों कहा, ये तो वही जानें। मुझे नहीं लगता कि देश में कोई डर का माहौल है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती हैं और उससे डरने की जरूरत क्या है। जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछले छह-सात महीने में देश में डर का माहौल पैदा हुआ है तो उन्होंने कहा कि हम तो पहले भी किसी से नहीं डरते थे और अब भी नहीं डरते हैं। अपने जीवन पर फिल्म बनाने की अनुमति के एवज में आमिर से पैसे मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर कभी कोई बात ही नहीं हुई। हम तो इस बात पर ही खुश हैं कि हमारी कहानी बड़े पर्दे पर आएगी।

मिस्टर परफेक्शनिस्ट के बयान पर बिफरा बॉलीवुड: असहिष्णुता पर अभिनेता आमिर खान के बयान ने सियासी और गैर सियासी गलियारों में उबाल ला दिया है। बॉलीवुड के कई कलाकारों ने आमिर की कड़ी आलोचना की है। कई फिल्मों में आमिर के साथ काम कर चुके अनुपम खेर ने ट्वीट के जरिये पूछा कि क्या आपने अपनी पत्नी से पूछा है कि वह किस देश में जाना चाहती हैं? क्या आपने अपनी पत्नी को बताया कि इसी देश ने आपको आमिर खान बनाया है? भाजपा सांसद और हास्य अभिनेता परेश रावल ने कहा, ‘एक सच्चा देशभक्त किसी मुश्किल वक्त में अपनी मातृभूमि को छोड़कर नहीं भागता। भागो नहीं इसका मुकाबला करो।’ फिल्मकार रामगोपाल वर्मा ने ट्वीट किया कि आमिर, शाहरुख और सलमान ये तीन मुस्लिम कलाकार एक हिंदूू देश के सबसे बड़े स्टार हैं। क्या भारत को सहिष्णु देश बताने के लिए इतना काफी नहीं है? अभिनेत्री रवीना टंडन ने कहा है कि ऐसे लोग देश को शर्मसार कर रहे हैं। रवीना ने ट्वीट किया, ‘राजनीति के लिए ऐसे लोग देश को शर्मसार कर रहे हैं।’ ऋषि कपूर ने सुझाव दिया, ‘श्रीमान-श्रीमती आमिर खान। जब कुछ गलत हो रहा हो तो तंत्र में सुधार की जरूरत होती है। उसे सुधारिए, बदलिए।’

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