मार्केट रिसर्च कंपनी 'इप्सोस' का दावा इलाज के बढ़ते खर्च से परेशान हैं भारतीय

गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बीमारियों का इलाज करवाना मौजूदा समय की सबसे बड़ी समस्या बन गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sun, 26 Aug 2018 06:48 PM (IST) Updated:Sun, 26 Aug 2018 06:48 PM (IST)
मार्केट रिसर्च कंपनी 'इप्सोस' का दावा इलाज के बढ़ते खर्च से परेशान हैं भारतीय
मार्केट रिसर्च कंपनी 'इप्सोस' का दावा इलाज के बढ़ते खर्च से परेशान हैं भारतीय

नई दिल्ली, आइएएनएस। किसी भी बीमारी के इलाज का बढ़ता खर्च भारतीयों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। मार्केट रिसर्च कंपनी 'इप्सोस' ने हजार लोगों के बीच किए एक सर्वे के बाद यह जानकारी दी। बीते अप्रैल से जून के बीच हुए इस सर्वे में 16 से 64 साल के प्रतिभागी शामिल हुए। उनमें करीब 44 फीसद ने माना कि वर्तमान में इलाज काफी महंगा है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह बड़ी समस्या बन गया है। 35 फीसद का कहना है कि भारत में चिकित्सकीय उपचार की गुणवत्ता अन्य से कमतर है। 30 फीसद अस्पताल की सफाई व्यवस्था से नाराज थे।

सर्वे में शामिल प्रतिभागी भविष्य में इलाज का खर्च कम होने को लेकर सकारात्मक भी दिखे। करीब 60 फीसद ने आशा जताई कि आने वाले दस सालों में इलाज कराना किफायती हो सकता है। 69 फीसद के अनुसार चिकित्सकीय उपचार की गुणवत्ता भी अगले दशक में सुधर सकती है।

इप्सोस हेल्थकेयर की प्रमुख मोनिका गंगवानी ने कहा, 'उचित चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराना तीन मुख्य जरूरतें हैं। इसे किफायती बनाना देश की सरकार और विश्व की संस्थाओं की जिम्मेदारी है। जीवन शैली में परिवर्तन करने से भी कुछ खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है।'

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