आतंकवाद को खत्म करने के लिए करते रहेंगे सर्जिकल स्ट्राइक: रक्षा मंत्री

रक्षामंत्री ने कहा कि आतंकवाद का खतरा राष्ट्रीय सीमाओं की बाधा को पार कर गया है मगर इसका मुकाबला करने के लिए एकजुट संगठित कदम नहीं उठाए जा रहे।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Mon, 06 Mar 2017 10:59 AM (IST) Updated:Mon, 06 Mar 2017 09:44 PM (IST)
आतंकवाद को खत्म करने के लिए करते रहेंगे सर्जिकल स्ट्राइक: रक्षा मंत्री
आतंकवाद को खत्म करने के लिए करते रहेंगे सर्जिकल स्ट्राइक: रक्षा मंत्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रीकर ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर करारा निशाना साधते हुए एशियाई देशों से दुनिया में आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने में निर्णायक भूमिका निभाने की पैरोकारी की है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का समूल नाश करने के लिए जहां भी आतंकी कैंप हैं उन्हें ध्वस्त करना होगा। साथ ही आतंकियों की दुनिया में फंडिंग भी रोकनी होगी।

पार्रीकर ने आतंकियों के हाईटेक आधुनिक हथियार के इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए साफ कहा कि आतंकवाद को संरक्षण और पनाह देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।रक्षा अध्ययन संस्थान के 19वें एशियाई सुरक्षा सम्मेलन का आगाज करते हुए पार्रीकर ने पाकिस्तान पर सीधे प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भारत दशकों से सीमा पार के छद्म युद्ध का भुक्तभोगी है और आतंक का मौजूदा खौफनाक चेहरा दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए भी सबसे बड़ा खतरा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि आतंकवाद का खतरा राष्ट्रीय सीमाओं की बाधा को पार कर गया है मगर इसका मुकाबला करने के लिए एकजुट संगठित कदम नहीं उठाए जा रहे। जबकि सैद्धांतिक रुप से आतंकवाद की परिभाषा को लेकर राष्ट्रों के बीच आम सहमति है। भारत और अफगानिस्तान दोनों से लगी पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकी कैंपों की मौजूदगी को रेखांकित करते हुए पार्रीकर ने कहा कि हम आतंकी कैंपों को बंद करने के लिए पूरा जोर देते रहेंगे।

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आतंकियों को आधुनिक हाइटेक हथियार मिलने और इंटनरेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुए इस पर लगाम की जरूरत भी बताई। साथ ही आतंकियों के खिलाफ सख्ती के लिए विशेष कानून के तहत उन्हें सजा देने से लेकर सभी आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज बुलंद की। उन्होंने आतंकियों को एक से दूसरे देश में प्र‌र्त्यपण को आतंक पर काबू पाने के लिए अहम करार दिया। रक्षामंत्री ने कहा कि एशियाई देश सीसीआईटी के तहत सीमा पार आतंक को प्रत्यर्पण श्रेणी का अपराध बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो दुनिया के अन्य मुल्कों पर इसे स्वीकार करने का दबाव बढे़गा।

उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि पिछले 20 साल के भारत के लगातार प्रयासों के बावजूद संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को प्रत्यर्पण श्रेणी के आपराधिक कृत्य में इसे शामिल नहीं कर सका है। इसी क्रम में रक्षामंत्री ने आतंकवाद को संरक्षण और फंडिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत बताई। पार्रीकर का साफ निशाना पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान और वहां की सेना के संरक्षण में आतंकी कैंपों के संचालन से लेकर उन्हें समर्थन देने पर था।

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