सुरक्षित हैं महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी फाइलें: राजनाथ

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित सभी फाइलें सुरक्षित हैं। इन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन फाइलों के नष्ट करने संबंधित मीडिया में छपी खबरों को निराधार बताया है। इसके साथ उन्होंने साफ कर दिया है कि नई सरकार बनने के बाद सफाई के क्रम में मंत्रालय में 11,120 गैरजरूरी

By Edited By: Publish:Fri, 11 Jul 2014 09:45 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jul 2014 07:27 AM (IST)
सुरक्षित हैं महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी फाइलें: राजनाथ

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित सभी फाइलें सुरक्षित हैं। इन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन फाइलों के नष्ट करने संबंधित मीडिया में छपी खबरों को निराधार बताया है। इसके साथ उन्होंने साफ कर दिया है कि नई सरकार बनने के बाद सफाई के क्रम में मंत्रालय में 11,120 गैरजरूरी फाइलें ही नष्ट की गई थी, न कि डेढ़ लाख फाइलें, जैसा बताया जाता है। उनके अनुसार नष्ट किए गए दस्तावेजों में पूर्व राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और भारत के अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेटन से संबंधित कोई फाइल नहीं थी।

राज्यसभा में स्वत: जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने उपरोक्त जानकारी दी। गृह मंत्री के अनुसार, 'गुरुवार को राज्यसभा के एक सदस्य ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्रालय में डेढ़ लाख फाइलें नष्ट की गई, जिनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित फाइलें भी शामिल थीं।' इसका खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी 11,186 पन्नों की 52 फाइलें और उनसे जुड़ी 67 वस्तुएं राष्ट्रीय अभिलेखागार में सुरक्षित हैं।

राजनाथ सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री ने चार जून को सभी सचिवों के साथ विचार-विमर्श के दौरान कार्यस्थल पर स्वच्छता एवं साफ-सफाई बनाए रखने और काम करने के परिवेश को बेहतर बनाने पर जोर दिया था। इसके बाद कैबिनेट सचिव की ओर से निर्देश जारी कर फाइलों और कागजातों की छंटाई का निर्देश दिया गया था। इसके तहत 5 जून से 8 जुलाई के बीच गृह मंत्रालय के विभिन्न अनुभागों में रखी गई फाइलों की समीक्षा की गई और कुल 11,100 फाइलें नष्ट की गई। लेकिन इनमें एक भी महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित नहीं थीं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इनमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री अथवा लार्ड माउंटबेटन से संबंधित फाइलें भी नहीं थीं।

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