उप राज्यपाल पद से हटाना ईमानदारी की सजा

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के उप राज्यपाल [लेफ्टिनेंट गवर्नर] पद से हटाए गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कटारिया ने कहा कि उन्हें ईमानदारी, निष्ठा और मौजूदा व्यवस्था पर अपने विचार रखने की सजा दी गई है। कटारिया ने शुक्रवार को मोदी सरकार के फैसले पर नाखुशी जताते हुए यह बात कही।

By Edited By: Publish:Sat, 26 Jul 2014 04:17 AM (IST) Updated:Sat, 26 Jul 2014 07:11 AM (IST)
उप राज्यपाल पद से हटाना ईमानदारी की सजा

नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के उप राज्यपाल [लेफ्टिनेंट गवर्नर] पद से हटाए गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कटारिया ने कहा कि उन्हें ईमानदारी, निष्ठा और मौजूदा व्यवस्था पर अपने विचार रखने की सजा दी गई है। कटारिया ने शुक्रवार को मोदी सरकार के फैसले पर नाखुशी जताते हुए यह बात कही।

वीरेंद्र कटारिया के मुताबिक केंद्र में नई सरकार बनने के बाद जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मई में मिलने गए थे तो दोनों ने उन्हें बतौर उप राज्यपाल बेहतर काम करने की बात कही थी। कटारिया ने चर्चित शंकररमन हत्याकांड में आरोप मुक्त किए गए कांची के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र सरस्वती और 22 अन्य के खिलाफ अपील करने की मंजूरी देने के आदेश का भी बचाव किया। उन्होंने बताया कि अपील दायर करने की मंजूरी देने के उनके फैसले से आरएसएस के नेता खुश नहीं थे।

कटारिया ने स्पष्ट किया कि जो फाइल उनके पास मंजूरी के लिए भेजी गई थी, उसमें कहीं भी कांची के शंकराचार्य के नाम का उल्लेख नहीं था। साथ ही उन्होंने बताया कि जब पुडुचेरी के विधि सचिव, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी थी तो उनके पास इन्कार करने का कोई कारण नहीं था।

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