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बर्खास्त किए गए पुडूचेरी के उप-राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया

कुछ राज्यपालों पर इस्तीफे का दबाव बनाने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को पुडूचेरी के उप-राज्यपाल (एलजी) वीरेंद्र कटारिया को बर्खास्त कर दिया है। राजग सरकार ने संप्रग शासनकाल में नियुक्त किए गए राज्यपालों के विरुद्ध ऐसी पहली कार्रवाई की है। शुक्रवार देर रात राष्ट्रपति भवन ने घोषणा की, 'राष्ट्रप

By Edited By: Published: Sat, 12 Jul 2014 12:46 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jul 2014 07:27 AM (IST)
बर्खास्त किए गए पुडूचेरी के उप-राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया

नई दिल्ली। कुछ राज्यपालों पर इस्तीफे का दबाव बनाने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को पुडूचेरी के उप-राज्यपाल (एलजी) वीरेंद्र कटारिया को बर्खास्त कर दिया है। राजग सरकार ने संप्रग शासनकाल में नियुक्त किए गए राज्यपालों के विरुद्ध ऐसी पहली कार्रवाई की है। शुक्रवार देर रात राष्ट्रपति भवन ने घोषणा की, 'राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि पुडूचेरी के उप-राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया पद पर नहीं रहेंगे।' मिजोरम से अपना स्थानांतरण किए जाने से नाराज नगालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी. पुरुषोत्तमन ने भी शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया।

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अंडमान व निकोबार के उप-राज्यपाल अजय कुमार सिंह पुडूचेरी के एलजी की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य कटारिया को जुलाई, 2013 में पुडूचेरी का उप-राज्यपाल बनाया गया था। 86 वर्षीय पुरुषोत्तमन ने बताया कि उनके सचिव ने उनका त्यागपत्र राष्ट्रपति भवन भेज दिया है।

केंद्र में 26 मई को राजग सरकार के सत्ता संभालने के बाद से अब तक छह राज्यपाल इस्तीफा दे चुके हैं। पुरुषोत्तमन ने इस्तीफे में कोई राजनीतिक या प्रक्रियागत मुद्दा नहीं उठाया है। उन्होंने कहा है कि राजग के सत्ता में आने के बाद से राज्यपालों से जिस तरह का सलूक हो रहा है वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'राज्यपाल संवैधानिक प्राधिकार हैं। अन्य किसी सरकारी अधिकारी की तरह उनका स्थानांतरण निहायत ही अनुचित है।'

केरल में यूडीएफ सरकार में अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके और दो बार कांग्रेस सांसद रहे पुरुषोत्तमन ने कहा, 'मुझे लगता है कि राज्यपाल की मर्यादा का अपमान हुआ है।' गृह सचिव द्वारा कथित तौर जिस तरह संप्रग कार्यकाल के कुछ अन्य राज्यपालों को पद छोड़ने के लिए कहा गया उस पर उन्हें गंभीर आपत्ति है।

उन्होंने कहा, 'एक सचिव कैसे राज्यपाल को कॉल कर इस्तीफे के लिए कह सकता है?' केरल विधानसभा के अध्यक्ष रहे पुरुषोत्तमन ने कहा कि वह कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में वापसी करेंगे लेकिन चुनावी पद नहीं चाहते हैं।

छह जुलाई को फेरबदल में गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया था, जबकि पुरुषोत्तमन का स्थानांतरण नगालैंड किया गया था।

उन्हें त्रिपुरा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था। बेनीवाल ने मिजोरम के 12 वें राज्यपाल के रूप में बुधवार को पद ग्रहण कर लिया है। पुरुषोत्तमन के पहले बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़), अश्वनी कुमार (नगालैंड), एमके नारायणन (पश्चिम बंगाल) और बीवी वांचू (गोवा) राज्यपाल पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

राजस्थान की राज्यपाल मारग्रेट अल्वा का कार्यकाल करीब एक माह ही बचा हुआ है। अल्वा को गुजरात के राज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है जबकि बिहार के राज्यपाल डीवाई पाटिल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का भी काम देख रहे हैं।

पढ़ें: नागालैंड के राज्यपाल पुरुषोथमन ने दिया इस्तीफा

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