प्रतिनियुक्ति पर बुलाए गए आइपीएस अधिकारियों को मानना पड़ेगा केंद्र का आदेश, जानें क्‍या कहता है पुलिस सेवा कानून

पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी भले ही केंद्र सरकार द्वारा तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का विरोध कर रही हों लेकिन उनकी कोई कोशिश काम नहीं आएगी। अधिकारियों के पास अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश मानने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Dec 2020 11:58 PM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 12:02 AM (IST)
प्रतिनियुक्ति पर बुलाए गए आइपीएस अधिकारियों को मानना पड़ेगा केंद्र का आदेश, जानें क्‍या कहता है पुलिस सेवा कानून
बंगाल के आईपीएस अधिकारियों के पास अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश मानने के अलावा कोई दूसरा विकल्‍प नहीं है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी भले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs, MHA) द्वारा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का विरोध कर रही हों लेकिन उनकी कोई कोशिश रंग नहीं ला पाएगी। भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 के अनुसार तीन अधिकारियों के पास अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश मानने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। 

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल सरकार (West Bengal government) उक्‍त तीनों आइपीएस अधिकारियों (IPS officers) को कार्यमुक्त करने के लिए बाध्य है। भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 (Indian Police Service Cadre Rules 1954) के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसी प्रकार की असहमति होने पर राज्य सरकार को केंद्र का निर्णय मानना ही होगा। 

प्रतिनियुक्ति के नियमों के अनुसार किसी अधिकारी को राज्य और केंद्र सरकार की सहमति से केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार की सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी या संघ आदि में प्रतिनियुक्त किया जा सकता है। नियमों के अनुसार, किसी प्रकार की असहमति होने पर मामले पर निर्णय केंद्र सरकार लेगी और राज्य सरकार को उस निर्णय को लागू करना होगा।

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय कैडर नियंत्रक प्राधिकरण (Cadre controlling authority of IPS officers) है। डायमंड हार्बर के एसपी भोलानाथ पांडेय 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। प्रेसीडेंसी रेंज के डीआइजी प्रवीण त्रिपाठी 2004 बैच और दक्षिण बंगाल के एडीजी राजीव मिश्रा 1996 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। बंगाल कैडर के इन तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार की सेवा में प्रतिनियुक्ति पर बुलाया गया है। 

उल्‍लेखनीय है कि बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार बेहद सख्त है। पहले केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस मामले को लेकर बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को दिल्ली तलब किया... अब नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बंगाल में सेवारत भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवा देने के लिए बुला लिया है। केंद्र के आदेश के बाद ममता सरकार ने अधिकारियों को दिल्ली भेजने से मना कर दिया है।  

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