...बच गया पाक, करगिल युद्ध के वक्त सैन्य शिविरों पर हमला करने ही वाला था भारत

करगिल हमले के वक्त नई दिल्ली में तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह और सरताज अजीज के बीच विफल वार्ता के बाद भारतीय वायुसेना पाकिस्तान पर धावा बोलने ही वाली थी।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Jul 2016 05:50 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jul 2016 08:21 PM (IST)
...बच गया पाक, करगिल युद्ध के वक्त सैन्य शिविरों पर हमला करने ही वाला था भारत

नई दिल्ली। करगिल युद्ध के समय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया था कि भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान बस पाकिस्तान पर हमला करने ही वाला था। उसकी पूरी तैयारी भी हो चुकी। 13 जून 1999 के शुरूआती घंटों में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर किए जाने वाले इस हमले के लिए लक्ष्य तय कर लिए गए थे और पायलटों ने रिवॉल्वर भी लोड कर लिया था।

एक वेबसाइट की ख़बर के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट अपने इस खास मिशन को अंजाम देने के लिए नियंत्रण रेखा से महज कुछ ही दूरी पर थे। और ये ऐसा कदम था जो परमाणु शक्ति संपन्न दो देशों के बीच करगिल के संघर्ष को पूरी तरह से युद्ध में बदल सकता था।

भारतीय वायुसेना की तरफ से पाकिस्तान पर हमले की ये योजना दिल्ली में तत्कालीन विदेशमंत्री जसवंत सिंह और उनके पाकिस्तान समकक्षीय सरताज अजीज के बीच विफल वार्ता के बाद बनी। लड़ाई के खत्म करने के लिए सरताज अजीज को साफ तौर पर शर्तें बता दी गई थी कि करगिल से पाकिस्तानी घुसपैठिये को वापस बुलाया जाए, नियंत्रण रेखा को नए सिरे से निर्धारित करने की मांग छोड़ा जाए, दशकों से चली आ रही नियंत्रण रेखा को स्वीकार कर यथास्थिति बनाई जाए कैप्टन कालिया समेत भारत के छह जवानों को बुरी तरीके से दंडित करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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जिस वक्त उत्तरी कश्मीर में कैप्टन कालिया ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे उन्हें पाकिस्तानी सेनाओं ने पकड़ लिया था और उनके कई अंगों को काट दिया गया था। उनके क्षतिग्रस्त शव को बाद में भारत को सौंपा गया था।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे क्या होना था ये तो सरकारी कागजों में दर्ज है। ये वो कागज हैं जिसमें एयरफोर्स के प्लान लिखे जाते हैं। खबर के मुताबकि, 12 जून को भारत में बातचीत के बाद सरताज अजीज वापस पाकिस्तान लौट गए थे। सभी पायलटों के 1600 बजे बुलाया गया। ये बुलावा गुप्ता का था जो सीएटीओ में थे और सभी को 13 जून की एकदम सुबह हमले के लिए तैयार रहने को कहा गया था। ये बात एयरफोर्स के 17 स्क्वाड्रन की डायरमें दर्ज है। इस स्क्वाड्रन को गोल्डन एरोज नाम से जाना जाता है। ये स्क्वाड्रन श्रीनगर स्थित एयरफोर्स बेस मे अपना काम करता है।

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