K-4 Shaurya submarine nuclear missile: आज भारत करेगा परमाणु मिसाइल K-4 का परीक्षण, उड़ेंगे दुश्मनों के परखच्चे

K-4 Shaurya submarine nuclear missile भारत आज अपनी के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण करेगा। आंध्र प्रदेश के तट पर ये परिक्षण किया जाएगा।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Fri, 08 Nov 2019 09:32 AM (IST) Updated:Fri, 08 Nov 2019 10:22 AM (IST)
K-4 Shaurya submarine nuclear missile: आज भारत करेगा परमाणु मिसाइल K-4 का परीक्षण, उड़ेंगे दुश्मनों के परखच्चे
K-4 Shaurya submarine nuclear missile: आज भारत करेगा परमाणु मिसाइल K-4 का परीक्षण, उड़ेंगे दुश्मनों के परखच्चे

भुवनेश्वर,एजेंसी। पनडुब्बियों से दुश्मन के ठिकानों को मार गिराने की अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए भारत आज (शुक्रवार) को आंध्र प्रदेश के तट से एक पानी के नीचे  3,500 किलोमीटर स्ट्राइक-रेंज की परमाणु मिसाइल के -4 का परीक्षण करेगा। मिसाइल प्रणाली डीआरडीओ द्वारा अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों के लिए विकसित की जा रहा। ये पनडुब्बियां भारत के परमाणु परीक्षण का मुख्य आधार होंगी।

डीआरडीओ ने किया तैयार

सबसे पहले आपको बता दें कि के-4 एक परमाणु क्षमता सम्पन्न मध्यम दूरी का पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जाने वाली मासाइल है। इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बनाया है। योजनाओं के अनुसार, डीआरडीओ आज  (शुक्रवार) विशाखापट्टनम तट से पानी के  नीचे से के -4 परमाणु मिसाइल का परीक्षणकरेगा। परीक्षण के दौरान, डीआरडीओ मिसाइल प्रणाली में एडवांस प्रणालियों का परीक्षण करेगा। 

कितने रेंज पर होगा परीक्षण

हालांकि, अभी डीआरडीओ इस मिसाइल का परीक्षण पूरी दूरी पर करेगा या फिर छूटी रेंज पर करेगा अभी तक ये साफ नहीं है।बता दें कि भारत ने K-4 न्यूक्लियर मिसाइल से पहले B0-5 न्यूक्लियर मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। खबरों के अनुसार पिछले महीने ही इस मिसाइल का परीक्षण करना तय किया गया था लेकिन, कुछ कारणों की वजह से ये हो नहीं पाया था। 

क्यों किया गया के -4 का विकास

के-4 मिसाइल के विकास तब किया गया जब इसी तरह की क्षमताओं वाली अग्नि 3 मिसाइल को आईएनएस अरिहंत में लगाने में तकनीकि समस्याएं आई। दरअसल,  अरिहंत का व्यास 17 मीटर का है और इसमें 3 फिट नहीं हो पाती। इस कारण ही के 4 के विकास किया गया।

कैसा किया जाएगा मिसाइल का परीक्षण 

के-4 मिसाइल का परीक्षण पानी के अंदर पंटून से किया जाएगा। अभी फिलहाल, मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है। हालांकि, पनडुब्बी से लॉन्च केवल एक बार किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत ने इस मिसाइल के लिए नोटम (नोटिस टू एयरमैन) और समुद्री चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी। 

कई और मिसाइलों के परीक्षण की योजना

जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्तों में डीआरडीओ कई और भी मिसाइलों के परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, भारत ने अग्नि-3 और ब्रह्मोस मिसाइलों के परिक्षण की योजना बना रखी है।

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