Global Fertilizer Market: ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में कामयाब रही भारत की रणनीति, निर्धारित मूल्य से अधिक पर नहीं होगा आयात

ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में भारतीय रणनीति कामयाब साबित हो रही है जिससे बाजार में गिरावट का रुख हो गया है। पिछले सप्ताह ही वैश्विक बाजार में डीएपी का मूल्य 1030 डालर प्रति टन से घटकर 920 डालर हो गया है।

By Amit SinghEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 07:35 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 07:35 PM (IST)
Global Fertilizer Market: ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में कामयाब रही भारत की रणनीति, निर्धारित मूल्य से अधिक पर नहीं होगा आयात
ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में कामयाब रही भारत की रणनीति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में भारतीय रणनीति कामयाब साबित हो रही है, जिससे बाजार में गिरावट का रुख हो गया है। हाल के कुछ दिनों में फर्टिलाइजर की नित बढ़ती कीमतों में कमी दर्ज की गई है। पिछले सप्ताह ही वैश्विक बाजार में डीएपी का मूल्य 1030 डालर प्रति टन से घटकर 920 डालर हो गया है। भारतीय फर्टिलाइजर कंपनियों को इससे अधिक मूल्य पर डीएपी न आयात करने की सलाह के बाद से कीमतों में कमी आई है। फर्टिलाइजर बाजार पर इसका असर होने लगा है।

फर्टिलाइजर को लेकर भारत का कई देशों से कांट्रैक्ट

फर्टिलाइजर की उपलब्धता बनाए रखने के लिए जार्डन का दौरा कर लौटे केमिकल फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बताया कि खरीफ सीजन के लिए ही नहीं बल्कि आगामी रबी सीजन के लिए भी उपलब्धता बनाए रखने के लिए फर्टिलाइजर उत्पादक कई देशों से कांट्रैक्ट हो चुके हैं। फर्टिलाइजर मंत्री मंडाविया ने कहा फर्टिलाइजर की वैश्विक किल्लत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा फर्टिलाइजर आयातक देश है, जिसे कम मूल्य पर आयात करने पर जोर देना चाहिए। विश्व के दूसरे देशों में फर्टिलाइजर की आपूर्ति सीमित कर दी गई है। किसानों का सीमित कर दिया गया है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं किया गया है। खरीफ सीजन के लिए फर्टिलाइजर की पर्याप्त उपलब्धता बनाने रखने के लिए हमने आगे बढ़कर खरीद की है। खरीफ सीजन के लिए पोटैसिक और फास्फेटिक फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है।

राक फास्फेट आयात पर समझौता

मंडाविया ने बताया कि पिछले सप्ताह ही भारत और जार्डन की कंपनियों के बीच 30 लाख टन राक फास्फेट आयात का समझौता किया गया है, जिससे डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का उत्पादन किया जाएगा। समझौते के तहत तीनन लाख टन पोटाश, 2.5 लाख टन डीएपी और एक लाख टन फास्फेटिक एसिड का आयात किया जाएगा। यह समझौता अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा।' पिछले खरीफ सीजन में घरेलू स्तर पर केवल 18 लाख टन डीएपी का स्टाक था, जो इस बार 30 लाख टन है। हालांकि खरीफ सीजन में कुल 60 लाख टन डीएपी की जरूरत होगी। हालांकि घरेलू स्तर पर डीएपी का मासिक उत्पादन छह लाख टन होता है, जिससे बाकी जरूरतें पूरी हो जाएंगी। डीएपी उत्पादक कंपनियों के पास पर्याप्त मात्रा में रॉ मैटीरियल्स यानी रॉक फास्फेट उपलब्ध है। कच्चे माल की उपलब्धता से घरेलू कंपनियों के पास पर्याप्त डीएपी उत्पादन की क्षमता है।

तीन प्रदेशों में हुई राक फास्फेट रिजर्व की पहचान

फर्टिलाइजर मंत्री मंडाविया ने कहा कि इस दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राक फास्फेट रिजर्व की पहचान की गई है, जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। यूरिया और म्यूरिट आफा पोटाश के मामले में भी अग्रिम सप्लाई सुनिश्चित कर ली गई है। इस खरीफ सीजन में 180 लाख टन यूरिया की जरूरत होगी, जबकि 140 से 150 लाख टन यूरिया का घरेलू उत्पादन कर लिया जाएगा। केवल 30 लाख टन यूरिया का आयात करना पड़ सकता है। इसमें से 15 लाख टन यूरिया का आयात पहले ही कर लिया गया है। बाकी यूरिया का बंदोबस्त भी कर लिया जाएगा। फर्टिलाइजर मंत्री ने कहा कि ग्लोबल मार्केट को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी के ढाई लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।

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