एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क गुजरात में

गुजरात के नाम उस समय एक और उपलब्धि दर्ज हो गई, जब मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्क का उद्घाटन किया। इस ऊर्जा पार्क में लगे सौर ऊर्जा प्लांट से 605 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।

By Edited By: Publish:Thu, 19 Apr 2012 09:34 PM (IST) Updated:Fri, 20 Apr 2012 03:48 PM (IST)
एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क गुजरात में

पाटण/गुजरात [शत्रुघ्न शर्मा]। गुजरात के नाम उस समय एक और उपलब्धि दर्ज हो गई, जब मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्क का उद्घाटन किया। इस ऊर्जा पार्क में लगे सौर ऊर्जा प्लांट से 605 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। शेष भारत का यह आंकड़ा महज दो सौ मेगावाट तक ही पहुंच पाया है।

पाटण जिले के चारणका गांव में गुरुवार को मुख्यमंत्री मोदी ने अमेरिकी काउंसिल जनरल पीटर तथा एशियाई विकास बैंक के अधिकारियों की मौजूदगी में इस पार्क की शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच हजार एकड़ में बने सौर ऊर्जा पार्क से 605 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे तीस लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन उत्पादित होगी, जिससे दस लाख परिवारों को बिजली मिल सकेगी। सौर ऊर्जा पूरी तरह से इको फ्रेंडली होने के साथ इससे सालाना दस लाख टन कार्बन उत्सर्जन भी रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पाटण जिले के इस छोटे से गांव में प्लांट लगने के बाद राज्य को नौ हजार करोड़ का निवेश मिल चुका है। इसके अलावा एशियाई विकास बैंक ने भी सौर ऊर्जा व इससे जुड़ी विविध गतिविधियों के लिए पांच सौ मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है। गुजरात पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड अब तक सोलर पार्क को स्थापित करने के लिए तीन सौ करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है, जबकि गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने ट्रांसमिशन नेटवर्क तथा स्मार्ट इवेक्यूएशन के लिए 650 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

मोदी इस मौके पर केंद्र सरकार पर हमला करने से नहीं चूके, उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक देशों की तरह सौर ऊर्जा के लिए उपयुक्त राष्ट्रों का एक समूह बनाकर कोयला, तेल व गैस आधारित ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा, लेकिन सरकार का कोई जवाब नहीं आया। इसके अलावा सौर ऊर्जा की नीति बनाते वक्त भी गुजरात ने प्रति यूनिट 13 रुपये का भाव रखा, जबकि केंद्र ने 19 रुपये प्रति यूनिट का भाव रखा। इसके बावजूद निवेशकों ने बेहतर नीतियों के कारण गुजरात को चुना। मोदी ने यहां बताया कि गांधीनगर को मॉडल सोलार सिटी के रूप में विकसित करने के लिए डेढ़ सौ मकानों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं, जिनसे 1.39 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जनभागीदारी से इसे पांच मेगावाट तक ले जाना है।

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