पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज जयंती, गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

फेमस मराठी लेखक पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज 101वीं जयंती है। मौके पर गूगल ने डूडल बना कर उन्हें याद किया है। बता दें कि देशपांडे पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू लिया था।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 09:28 AM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 09:28 AM (IST)
पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज जयंती, गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज जयंती, गूगल ने डूडल बनाकर किया याद।

नई दिल्ली, एएनआइ। पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज 101वीं जयंती है। इस मौके पूर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। पुरुषोत्तम लक्षमण देशपांडे फेमस मराठी लेखक, अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे। बता दें कि गूगल अक्सर समाज में योगदान देने वाले लोगों के लिए डूडल बनाकर उन्हें याद करता है। पुरुषोत्तम ऐसे शख्स थे जिन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का इंटरव्यू लिया था। देशपांडे का जन्म 8 नवंबर 1919 को हुआ था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का लिया था इंटरव्यू

फेमस मराठी लेखक पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की आज 101वीं जयंती है। मौके पर गूगल ने डूडल बना कर उन्हें याद किया है। बता दें कि देशपांडे पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू लिया था। 

 पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे को पीएल देशपांडे के नाम से भी जाना जाता है। यही नहीं देशपांडे नाम को छोटा करने के लिए पु.ल देशपांडे लिखते थे। महाराष्ट्र में उनको बेहद प्यार मिला। इसलिए उन्हें यहां का लाडला भी कहा जाता है। देशपांडे का साहित्य अंग्रेजी और कन्नड़ सहित कई भाषाओं में मौजूद है। 

उनके बेहतरीन कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा कला के कई क्षेत्रों में पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। लेखन के साथ-साथ उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया। 

पीएल का जन्म मुंबई में 8 नवंबर को 1919 में हुआ था। उनका परिवार पहले ग्रांट रोड पर रहता था इसके बाद वह मुंबई के सारस्वत बाग कॉलोनी में रहने लेगे थे। यहां देशपांडे ने जीवन के शुरुआती आठ साल बिताए थे। इसके बाद वह अपने परिवार विले पार्ले में जाकर रहने लगे थे। सुनीता ठाकुर से उन्होंने शादी की थी, जो कि मराठी रंगमंच से जुड़ी थी। 

पुरुषोत्तम लक्षमण देशपांडे का स्वाभाव हंसी-ठिठोली वाला रहा है। उनके अंदर मौजूद क्षमता से वह किसी भी रोते हुइ इंसान को हंसा देते थे। इसी शानदार  स्वाभाव का उन्हें उनके करियर में मदद मिली। सिनेमा में उनका यह व्यक्तित्व उनके काफी काम आया और इसकी पूरी झलक उनके कार्य में नजर आता है। 

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