महाराष्ट्र कैडर की पूर्व आइएएस की वसीयत सामने आई
पूर्व आइएएस अधिकारी शरवरी गोखले ने मुंबई के पॉश इलाके में स्थित अपना करोड़ों रुपये का फ्लैट मस्तिष्क की बीमारियों के शोध कार्य के लिए दान कर दिया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। तीन साल तक कैंसर से लड़ने के बाद जिंदगी की जंग हारने वाली पूर्व आइएएस अधिकारी शरवरी गोखले ने दुनिया से जाते-जाते ऐसा कार्य कर दिया जिससे उन्हें मरने के बाद भी याद रखा जाएगा। उन्होंने मुंबई के पॉश इलाके में स्थित अपना करोड़ों रुपये का फ्लैट मस्तिष्क की बीमारियों के शोध कार्य के लिए दान कर दिया। यह जानकारी हाल ही में उनकी वसीयत पढ़ने पर सामने आई है।
36 साल की सरकारी सेवा के बाद महाराष्ट्र की अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) पद से रिटायरमेंट के कुछ दिन बाद ही गोखले को आमाशय में कैंसर होने का पता चला। तीन साल के लगातार इलाज के बाद जब उन्हें लगा कि वह ठीक नहीं हो सकेंगी तो उन्होंने छह महीने तक अपनी संपत्ति उचित हाथों में देने के लिए सोच-विचार किया।
महाराष्ट्र की पूर्व गृह सचिव चंद्रा आयंगर के अनुसार गोखले चाहती थीं कि उनका धन देश के विज्ञान क्षेत्र में होने वाले शोध कार्यो में लगे। यह बात गोखले के अमेरिका में रहने वाले भाई जगदीश को भी पता चली। जगदीश ने बताया कि उनकी बहन को मस्तिष्क शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग लगता था जिसे स्वस्थ रखने के लिए वह ज्यादा प्रयास किये जाने की पक्षधर थीं। काफी जानकारी के बाद उन्होंने अपना फ्लैट इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलूर को देने का निर्णय लिया। संस्था के अंतर्गत ही सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च कार्य करता है।
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