‘गगनयान’ के पहले मानव रहित मिशन में हो सकती है देरी, वजह- कोरोना वायरस संक्रमण

अंतरिक्ष में भारत की महत्वकांक्षी यात्रा ‘गगनयान’ से पहले इस साल अंतरिक्ष में जांच के तौर पर मानवरहित मिशन की तैयारी थी लेकिन कोविड-19 की वजह से इसकी तैयारियों पर असर पड़ा है

By Tilak RajEdited By: Publish:Thu, 11 Jun 2020 03:21 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jun 2020 03:21 PM (IST)
‘गगनयान’ के पहले मानव रहित मिशन में हो सकती है देरी, वजह- कोरोना वायरस संक्रमण
‘गगनयान’ के पहले मानव रहित मिशन में हो सकती है देरी, वजह- कोरोना वायरस संक्रमण

बेंगलुरु, पीटीआइ। भारत की पहली मानवरहित उड़ान भरने को तैयार महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना पर संकट के बादल छा रहे हैं। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस परियोजना में कुछ देरी हो सकती है। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल गगनयान परियोजना पूरी न हो और इसे रद कर दिया जाए। हालांकि, इसरों के अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक गगनयान अभियान को रद करने का फैसला नहीं लिया गया है।

इसरो ने इससे पहले बताया था कि गगनयान की योजनाओं के अनुसार, मानव उड़ान से पहले दो मानव रहित 'परीक्षण उड़ाने' कराई जानी है। इन ट्रायल उड़ानों के जरिए मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले सभी प्रणालियों का परीक्षण करेगी। पहली ट्रायल उड़ान दिसंबर 2020 को होनी तय है। इसके बाद दूसरी ट्रायल उड़ान जुलाई 2021 में होनी है। लेकिन पहली मानवरहित ट्रायल उड़ान में देरी होने का मतलब होगा कि इसरो को अगले साल दो मानवरहित मिशन शुरू करने होंगे।

गगनयान अभियान की देरी को लेकर इसरो के अधिकारियों ने बताया, 'देखिए, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कुछ परेशानियां हो रही हैं, लेकिन किसी बात की भी पुष्टि नहीं हुई है (देरी के बारे में)। हमें देखने की जरूरत है, अभी हमारे पास कुल छह महीने का समय है। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हम उस समय तक काम पूरा कर सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'थोड़ा इधर-उधर (समय सारिणी में) हो सकता है, लेकिन इसका भी पता तभी चलेगा जब हम पूरा मूल्यांकन करेंगे…अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि जो टीम अभी इस परियोजना पर काम कर रही है उसने कुछ ऐसा (विलंब को लेकर) संकेत नहीं दिया है।'

इसरो की योजना पहली उड़ान में मानव आकृति वाले ‘व्योमित्र’ को भेजना है। अंतरिक्ष एजेंसी की योजना 2022 में 10,000 करोड़ रूपये की लागत वाले ‘गगनयान’ को अंतरिक्ष में भेजने की है। देश 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा। भारतीय वायु सेना के चार पायलट (गगनयान परियोजना के संभावित उम्मीदवार) मॉस्को में अभी प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। हालांकि, बीच में दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रशिक्षण कुछ समय के लिए रोकना पड़ा था, लेकिन अब फिर शुरू हो गया है।

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