खुरापात से बाज नहीं आ रहे असामाजिक तत्‍व, सोशल मीडिया पर आपातकाल लगाने जैसी फर्जी खबरों की भरमार

सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ ही आपातकाल लगाने जैसी भ्रामक खबरों की भरमार आ गई है। यही नहीं लोगों को ठगने की कोशिशें भी हो रही हैं। पढें यह सनसनीखेज रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 08:24 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 08:24 PM (IST)
खुरापात से बाज नहीं आ रहे असामाजिक तत्‍व, सोशल मीडिया पर आपातकाल लगाने जैसी फर्जी खबरों की भरमार
खुरापात से बाज नहीं आ रहे असामाजिक तत्‍व, सोशल मीडिया पर आपातकाल लगाने जैसी फर्जी खबरों की भरमार

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश एक तरफ जहां कोरोना वायरस (coronavirus pandemic) नामक नई महामारी से जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसे वॉट्सएप (WhatsApp), फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म (social media platforms) पर तेजी से फैलाई जा रही फर्जी खबरों से निपटने की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने से लेकर देश में आपातकाल लगाने की घोषणा जैसी फर्जी और भ्रामक खबरों की भरमार आई है।

सरकारी एजेंसियों के साथ ही निजी संस्थान भी ऐसी खबरों पर नजर बनाए हुए हैं और उनके झूठ को देश के लोगों के सामने ला रहे हैं। बावजूद इसके आधी अधूरी सूचनाओं और झूठी खबरों का प्रवाह कम नहीं हो रहा। कुछ धोखेबाज तो सरकारी राहत कोष के नाम पर लोगों से पैसे उगाहने की कोशिशों में भी जुटे हुए हैं।

सोमवार को तो कुछ लोग लॉकडाउन को लेकर अप्रैल फूल से पहले की गई शरारत के झांसे में भी आ गए। सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज तेजी से वायरल हुआ, जिसमें सरकार की तरफ से लॉकडाउन को 21 दिन की अवधि से आगे बढ़ाने की घोषणा की गई थी।

इसी तरह अप्रैल के मध्य में देश में आपातकाल लगाने की फर्जी खबर भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। उसके झूठ को उजागर करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय ने ट्वीट कर कहा, 'देश में मध्य अप्रैल में आपातकाल की घोषणा और नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए भारतीय सेना, पूर्व सैनिकों, एनसीसी और एनएसएस के लोगों की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी व दुर्भावनापूर्ण संदेश प्रसारित हो रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह पूरी तरह से फर्जी है।'

सरकार की तरफ से कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से घोषित 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की खबरों को गलत बताया है। सरकारी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआइबी) की तरफ से कहा गया है कि लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर चल रही खबरों को कैबिनेट सचिव ने आधारहीन बताया है। पीआइबी ने पीएम केयर फंड के नाम पर फर्जी बैंक खातों के जरिए मांगी जा रही मदद को लेकर भी लोगों को सावधान किया है।

दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने ऐसे ही एक यूपीआइ आइडी को उजागर भी किया है, जिसे पीएम केयर फंड के नाम पर लोगों को ठगने के लिए बनाया गया था। स्टेट बैंक को भी इसके बारे में सूचना दी गई, जिसके बाद बैंक ने फर्जी आइडी को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर किसी तरह की सामग्री डालने पर गृह मंत्रालय की तरफ से उसे दंडनीय अपराध बनाने की फर्जी खबर भी प्रसारित की जा रही है। कोरोना के उपचार और उससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय भी बताए जा रहे हैं।

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