धर्मेंद प्रधान बोले- 21वीं के परिवर्तनकारी समाज में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बड़ा साधन बनाया

शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान 21वीं सदी के परिवर्तनकारी समाज में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को बड़ा साधन बताया है। मंत्री ने कहा कि असम सरकार के नेतृत्व में एक उत्तर-पूर्व शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 02:55 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 02:55 PM (IST)
धर्मेंद प्रधान बोले- 21वीं के परिवर्तनकारी समाज में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बड़ा साधन बनाया
धर्मेंद प्रधान बोले- 21वीं के परिवर्तनकारी समाज में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बड़ा साधन बनाया

गुवाहाटी, एएनआइ। शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान 21वीं सदी के परिवर्तनकारी समाज में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को बड़ा साधन बताया है। मंत्री ने कहा कि असम सरकार के नेतृत्व में एक उत्तर-पूर्व शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य के अधिकारी 1 दिवसीय कार्यक्रम में विचार-विमर्श करेंगे। 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को तय समयसीमा में लागू कराने की जवाबदेही अब सिर्फ सरकार की ही नहीं होगी, बल्कि उच्च शिक्षण संस्थान की भी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने यहां एक एनईपी सेल गठित करना होगा जो नीति के अमल से जुड़े पहलुओं पर मुस्तैदी से काम करेगा, योजना बनाएगा और साथ ही यूजीसी को इसकी जानकारी भी देगा।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब उच्च शिक्षण संस्थानों के पास इसे लागू करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। साथ ही इसके लिए कोई समर्पित टीम भी नहीं थी, जो इसके प्रविधानों को प्रमुखता से लागू कराने की दिशा में पहल कर सकें। यही वजह है कि यूजीसी ने अब सभी संस्थानों को इसके लिए एनईपी सेल गठित करने की सिफारिश की है। इस टीम का काम होगा कि वह नीति के अमल को लेकर उठाए गए कदमों को संस्थान में तय समयसीमा में लागू करने की योजना बनाए। साथ ही उसे लागू भी कराए।

इस दौरान नीति के अमल में किसी स्तर पर कोई दिक्कत सामने आ रही है तो यह टीम सीधे यूजीसी से संपर्क कर सकती है। साथ ही इसका तुरंत समाधान भी निकाल सकती है। यूजीसी ने इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में गठित होने वाले इन सेल को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सहित दूसरे अहम कदमों का भी जिम्मा सौंपा है। जिसमें शिक्षकों को प्रशिक्षण देने, कौशल विकास को गति देने, मानव मूल्यों को मजबूती देने के लिए मुहिम चलाना आदि शामिल हैं।

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