धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- पुरातन का आधुनिकता के साथ मेल कराती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 प्राचीन की शिक्षा पद्धति को आधुनिक के साथ जोड़ती है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सुरथकल ( NIT Surathkal) के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख भी किया।

By AgencyEdited By: Publish:Sat, 15 Oct 2022 10:54 PM (IST) Updated:Sat, 15 Oct 2022 10:54 PM (IST)
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- पुरातन का आधुनिकता के साथ मेल कराती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति
धर्मेंद्र प्रधान ने NIT Surathkal को किया प्रोत्साहित। फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 प्राचीन की शिक्षा पद्धति को आधुनिक के साथ जोड़ती है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सुरथकल ( NIT Surathkal) के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख भी किया। उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी के लाल किले से देश के संबोधन से किए गए 'जय अनुसंधान' (Jai Anusandhan) के आह्वान को भी याद किया।

NIT Surathkal को किया प्रत्साहित

धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान NIT Surathkal को एक सुव्यवस्थित सतत ऊर्जा विभाग बनाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि इस प्रौद्योगिकी संस्थान को एक दशक के भीतर ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव का प्रकाश-पुंज बनाया सके।

विश्व गुरु बनेगा भारत

प्रधान ने इस दौरान जय अनुसंधान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को साल 2047 तक इसके माध्यम से विकसित राष्ट्र में खुद को स्थापित करना है। उस समय देश देश ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के100 वर्ष मना रहा होगा। उन्होंने अपने संबोधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, इलेक्ट्रानिक्स, जीनोम एडिटिंग, 3 डी प्रिंटिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बारे में बात की। उन्होंने आगे कहा कि भारत मानवता के भविष्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और एक बार फिर विश्व गुरु के रूप में अपना गौरव प्राप्त करेगा।

नवनिर्मित केंद्रीय अनुसंधान सुविधा का किया उद्घाटन

प्रधान ने अपनी यात्रा के दौरान 10,394 वर्ग मीटर में 48 करोड़ की लागत से नवनिर्मित केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (CRF) और स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज (CoEs) भवन का भी उद्घाटन किया। उन्होंने 54.76 करोड़ रुपये की लागत और 11,246 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र से लेक्चर हाल परिसर के ब्लाक डी के निर्माण की आधारशिला भी रखी।

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