अधिक से अधिक नवाचार व तकनीक को बाजार में पहुंचाने पर जोर दें आइआइटी: धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमारे सभी IIT में शोध व नवाचार करने वाले छात्र हैंलेकिन उनको आगे बढ़ाने और बाजार की मांग के अनुरूप काम करने की जरूरत है।बताया कि उनके पास दूसरे विकाशील देशों से अपने आइआइटी के साथ तकनीक की साझेदारी करने के प्रस्ताव आ रहे हैं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को आइआइटी दिल्ली में 23 आइआइटी के शोध व नवाचारों की प्रदर्शनी आइइन्वेंटिव को संबोधित करते हुए कहा कि अधिक से अधिक नवाचार और तकनीक को बाजार में पहुंचाने पर आइआइटी को जोर देना चाहिए। ये लोगों के लिए कितने उपयोगी साबित हुए और कितना राजस्व रोजगार पैदा हुआ इस पर भी आइआइटी को ध्यान देना चाहिए। अपने छात्रों के बड़े पैकेज व ज्यादा प्लेसमेंट को ही आइआइटी को अपनी उपलब्धि मानने की मानसिकता को बदलना होगा।
शोध को बाजार की मांग के अनुरूप बढ़ाने की जरूरत
प्रधान ने आगे कहा कि हमारे सभी आइआइटी में शोध व नवाचार करने वाले छात्र हैं, लेकिन उनको आगे बढ़ाने और बाजार की मांग के अनुरूप काम करने की जरूरत है। प्रधान ने बताया कि उनके पास दूसरे विकाशील देशों से अपने आइआइटी के साथ तकनीक की साझेदारी करने के प्रस्ताव आ रहे हैं। यह हमारी आइआइटी की वैश्विक पहचान को दर्शाता है।
शिक्षा और उद्योग एक छत के नीचे
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत की वैश्विक शोध व विकास की ताकत को दिखाने के लिए शिक्षा और उद्योग को एक छत के नीचे लाया गया है। उद्घाटन सत्र में शिक्षा मंत्री ने आइइन्वेंटिव का ब्रोशर (विवरणिका) भी लांच की। इसके बाद प्रदर्शनी बूथों का निरीक्षण कर तकनीक की जानकारी ली। इस दौरान सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक सुनील मित्तल ने कहा कि वह 5जी तकनीक के क्षेत्र में आइआइटी के साथ मिलकर काम करेंगे।
300 से अधिक स्टार्टअप दिखे
प्रदर्शनी में सरकार और विदेशी दूतावास के अधिकारियों, आइआइटी के पूर्व छात्रों के स्टार्टअप सहित उद्योग जगत के 300 से अधिक प्रतिनिधियों शामिल हैं। इसके अलावा पूरे आयोजन में तकनीक और उद्योग से जुड़े हुए विभिन्न संस्थानों के शिक्षकों, छात्रों और अनुसंधान विद्वानों के शामिल होंगे। प्रदर्शनी में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षा, एयरोस्पेस, हेल्थकेयर, पर्यावरण, स्वच्छ व नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विविध विषयों पर 75 परियोजनाएं और छह शोकेस परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया है।
पीएम मोदी की कल्पना पर हो रहा काम
इस दौरान प्रदर्शनी की संचालन समिति व आइआइटी मद्रास के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डा. पवन गोयनका ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुसार अमृत काल के माध्यम से भारत की यात्रा का नेतृत्व देश के हर वर्ग से अनुसंधान और नवाचार द्वारा किया जाएगा। हम एक ऐसे युग के सामने आने के साक्षी हैं जो भारत को अनुसंधान एवं विकास के प्रतीक के रूप में स्थापित करने के लिए विशेष रूप से शिक्षा और उद्योग से अधिक लचीला सामूहिक प्रयासों की तलाश करेगा। आइइन्वेंटिव देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के पथ को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की इच्छाशक्ति को प्रज्वलित करेगा। इस दौरान आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी सहित सभी आइआइटी के निदेशक मौजूद रहे।