महाशय धर्मपाल का अजमेर से रहा नाता, निधन पर अजमेर गमगीन

अजमेर से उनका नजदीकी नाता रहा है। महाशयजी ने अजमेर के जयपुर रोड स्थित स्वामी दयानंद की निर्वाण स्थली भिनाय कोठी और ऋषि घाटी स्थित स्वामी दयानंद की उत्तराधिकारी संस्था परोपकारिणी सभा को विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए का दान दिया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 06:20 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 06:20 PM (IST)
महाशय धर्मपाल का अजमेर से रहा नाता, निधन पर अजमेर गमगीन
महाशय धर्मपाल का अजमेर से रहा नाता, निधन पर अजमेर गमगीन।

अजमेर, जेएनएन। दुनियाभर में मशहूर एमडीएच मसालों के संस्थापक महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर अजमेरवासी भी गमगीन हुए। अजमेर से उनका नजदीकी नाता रहा है। वे वर्ष 2010 में जब अजमेर आए तब उनकी पत्रकार साथियों को कही यह बात भुलाने से भी नहीं भुलायी जा सकेगी। एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि महाशय जी आप करोड़ रुपए का दान यूं ही कर देते हो, कभी आपके परिवार वाले एतराज नहीं करते? इस पर उन्होंने कहा कि वे एमडीएच मसाला का जो विज्ञापन करते हैं उसका कोई मेहनताना नहीं लेते। यदि एमडीएच के विज्ञापन अमिताभ बच्चन करेंगे तो करोड़ों रुपया लेंगे। इसलिए वे अपनी मेहनत का पैसा दान कर देते हैं।

महाशयजी ने अजमेर के जयपुर रोड स्थित स्वामी दयानंद की निर्वाण स्थली भिनाय कोठी और ऋषि घाटी स्थित स्वामी दयानंद की उत्तराधिकारी संस्था परोपकारिणी सभा को विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए का दान दिया है। इन दोनों स्थानों का निखरा स्वरूप धर्मपाल जी की वजह से ही है। परोपकारिणी सभा के प्रमुख स्व. धर्मवीर जी के प्रति महाशय जी का विशेष स्नेह रहा। निर्वाण स्थली पर स्वामी दयांनद की वस्तुएं संरक्षित रहे तथा आर्य समाज के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार होता रहे, इसके लिए महर्षि दयानंद स्मारक ट्रस्ट को दिल खोल कर धनराशि दी।

ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने भी महाशयजी की भावना के अनुरूप भिनाय कोठी में विकास कार्य करवाए तथा आर्य समाज की गतिविधियों को संचालित रखा। निर्वाण स्थली पर प्रतिदिन यज्ञ-हवन के साथ साथ आर्य विद्वानों के प्रवचन होते हैं।

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