कोरोना के वार से सुस्त हुई दुनिया में अर्थव्यवस्था की रफ्तार, पेश है एक नजर...
वैश्विक स्तर पर चीन एक तिहाई औद्योगिक विनिर्माण करता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। हालांकि दुनिया का वर्कशॉप रहे चीन में कोरोना वायरस से फैक्ट्रियों की गति कम हो गई है।
नई दिल्ली। दुनिया में तीन हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है और करीब एक लाख इससे संक्रमित हुए हैं। कोरोना का संक्रमण दुनिया की आर्थिक सेहत पर भी भारी पड़ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शेयर बाजारों पर इसका असर देखने को मिल रहा है। कारों की बिक्री में कमी दर्ज की जा रही है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कैसे कोरोना का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहा है और कैसे पहले से ही सुस्त अर्थव्यवस्था पर इसका दोहरा नकारात्मक असर पड़ रहा है? पेश है एक नजर:
शेयर मार्केट के लिए बड़ी चिंता
निवेशक कोरोना वायरस को लेकर चिंतित हैं। शेयर बाजारों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। यह पेंशन और व्यक्तिगत बचत खातों पर देखने को मिल सकता है। फरवरी के आखिरी सप्ताह में दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यह 2008 के वित्तीय संकट के बाद सबसे बुरा है। यूरोपीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में थोड़ा सा इजाफा हुआ है, जब से यह उम्मीद जगी है कि कोरोना वायरस के खिलाफ अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए देश हस्तक्षेप कर रहे हैं।
चीन से हवाई उड़ानें कम हुईं
फॉरवर्डकीज के आंकड़े दर्शाते हैं कि चीन से बुक की गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 2019 में इसी अवधि की तुलना में 55.9 फीसद पीछे हैं। ब्रिटेन के यात्रा उद्योग विशेषज्ञों ने चीनी पर्यटकों को घर पर रखने के बारे में चिंता जताई है। विजिट ब्रिटेन के अनुसार, साल भर में सितंबर 2019 तक चीन से ब्रिटेन की 4,15,000 यात्राएं हुईं। चीनी यात्रियों ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान औसत से तीन गुना अधिक खर्च किया है। यदि बड़े पैमाने पर कार्यक्रम रद्द होते हैं तो उद्योग प्रभावित हो सकता है।
कुछ अच्छा भी है
उपभोक्ता वस्तुओं की दिग्गज कंपनी रेकिट बेनकाइजर ने डेटॉल और लाइजोल की बिक्री में वृद्धि देखी है। इसके साथ ही सोने की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। सोने को हमेशा से ही अनिश्चितता के वक्त में सबसे सुरक्षित माना जाता है। निवेशक इसे देख रहे हैं कि चीन के बाहर फैले कोरोना वायरस के डर से वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ मांग में और गिरावट आएगी।
फैक्ट्रियां मंदी पड़ीं
वैश्विक स्तर पर चीन एक तिहाई औद्योगिक विनिर्माण करता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। हालांकि दुनिया का वर्कशॉप रहे चीन में कोरोना वायरस से फैक्ट्रियों की गति कम हो गई है।
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