Coronavirus: देश की GDP में सर्वाधिक योगदान करने वाले राज्य बन रहे महामारी का केंद्र

COVID-19 आंकड़ों के नजरिए से जानते हैं कि कहां से निकलती है उम्मीद की किरण और कहां यह संकट उम्मीदों को तोड़ देता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 09 May 2020 10:27 AM (IST) Updated:Sat, 09 May 2020 12:50 PM (IST)
Coronavirus: देश की GDP में सर्वाधिक योगदान करने वाले राज्य बन रहे महामारी का केंद्र
Coronavirus: देश की GDP में सर्वाधिक योगदान करने वाले राज्य बन रहे महामारी का केंद्र

नई दिल्‍ली, जेएनएन। COVID-19: देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच अच्छे और बुरे आंकड़े सामने आ रहे हैं। इन आंकड़ो पर गौर करें तो हम पाएंगे कि चीजें पूरी तरह से बुरी और पूरी तरह से अच्छी नहीं हैं। देश का 50 फीसद हिस्सा इस महामारी को मंद करने में सफल रहा है। वहीं बुरी खबर ये है कि देश की जीडीपी में सर्वाधिक योगदान देने वाले कुछ बड़े राज्य इसकी सर्वाधिक चपेट में हैं। आंकड़ों के नजरिए से जानते हैं कि कहां से निकलती है उम्मीद की किरण और कहां यह संकट उम्मीदों को तोड़ देता है।

अच्छी खबर : देश के 50 फीसद हिस्से में कोविड-19 संकट मंद पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। देश के अन्य 50 फीसद हिस्से की अपेक्षा इस क्षेत्र में संक्रमण के बढ़ने की दर साढे तीन गुना कम है। मामलों की संख्या के लिहाज से देखें तो देश के सात बड़े राज्यों की हिस्सेदारी सर्वाधिक है। इनमें देश के सात राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं। देश के कुल कोरोना संक्रमित मामलों में इन राज्यों की हिस्सेदारी घटा दी जाए तो देश के अन्य हिस्सों में सिर्फ 18 फीसद मामले बचते हैं।

बुरी खबर : देश के सात बड़े राज्य जो भारत का 47 फीसद हिस्सा है, देश की 50 फीसद आबादी यहां पर रहती है। इन राज्यों में संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर लगभग दोगुना हो गई है। कुछ दिनों पूर्व लॉकडाउन 1 के दौरान यह सिर्फ 49 फीसद थी, जो बढ़कर के अब करीब 82 फीसद तक पहुंच चुकी है। कुल मामलों का करीब आधा 44 फीसद हिस्सा सिर्फ दो पश्चिमी राज्यों से हैं। ये राज्य महाराष्ट्र और गुजरात हैं। देश में कोरोना वायरस के कारण हुई कुल मौतों में इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी करीब 60 फीसद है।

ये है रास्ता : लॉकडाउन बढ़ाने के साथ ही यद्यपि कुछ गतिविधियों को छूट दी गई है। फिर भी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रतिकूल असर को लेकर यह तर्क दिया जा रहा है कि प्रतिबंधों में और भी छूट दी जानी चाहिए। पूरे जिले को रेड जोन या कंटेनमेंट जोन घोषित करने के बजाय उन निश्चित स्थानों पर जहां पर कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या अधिक है, वहां पर ही प्रतिबंधों के आदेश लागू होने चाहिए।

सबसे खराब स्थिति : देश के ये बड़े सात राज्य देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश देश के चार सबसे बड़े औद्योगिक राज्य हैं। लॉकडाउन ने इन राज्यों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दिल्ली, जहां पर प्रति दस लाख लोगों पर 4,602 लोगों की जांच की गई है, वहां की जीडीपी को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।

अधिकांश नए मामले हॉटस्पॉट से निकल रहे हैं, इसलिए हमें अपना ध्यान सबसे ज्यादा ऐसे ही स्थानों पर लगाना चाहिए।

डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली

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