अब चिदंबरम ने सीबीआइ को चेताया

अब तक सिर्फ विपक्ष के ही निशाने पर रही सीबीआइ अब सरकार की आंखों की भी किरकिरी बन गई है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही कोयला घोटाले की जांच की दिशा ने सरकार को इतना परेशान कर दिया है कि प्रधानमंत्री के बाद अब वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी सीबीआइ पर स्वायत्तता के नाम पर ढोंग रचने का आरोप लगा दिया। साथ ही आगाह भी कर दिया कि नीतिगत फैसलों में गलतियां ढूंढ़ने की कोशिश न करे। जबकि विपक्ष फिलहाल सीबीआइ के साथ खड़ा हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली न

By Edited By: Publish:Tue, 12 Nov 2013 01:07 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2013 10:29 AM (IST)
अब चिदंबरम ने सीबीआइ को चेताया

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब तक सिर्फ विपक्ष के ही निशाने पर रही सीबीआइ अब सरकार की आंखों की भी किरकिरी बन गई है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही कोयला घोटाले की जांच की दिशा ने सरकार को इतना परेशान कर दिया है कि प्रधानमंत्री के बाद अब वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी सीबीआइ पर स्वायत्तता के नाम पर ढोंग रचने का आरोप लगा दिया। साथ ही आगाह भी कर दिया कि नीतिगत फैसलों में गलतियां ढूंढ़ने की कोशिश न करे। जबकि विपक्ष फिलहाल सीबीआइ के साथ खड़ा हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने एजेंसी का बचाव करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली सरकारी नीतियों को जांच केदायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता है।

पीएम ने सीबीआई को दिखाई हद

सीबीआइ को बचाने में जुटी सरकार

मंगलवार को सीबीआइ के स्वर्ण जयंती समारोह में बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि न तो जांच एजेंसी 'पिंजरे में कैद तोता' और न ही 'कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन' है। सीबीआइ को कामकाज और जांच में पूरी तरह स्वायत्तता मिली हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि निहित स्वार्थ के तहत सीबीआइ की स्वायत्तता पर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो सही नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि सीबीआइ कार्यपालिका यानी सरकार का एक अंग है और इसे उससे अलग नहीं किया जा सकता है। सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सीबीआइ को उसकी हद बताई थी। चिदंबरम ने भी जांच एजेंसी को नीति निर्धारण और आपराधिक जांच के बीच की सीमा का सम्मान करने की नसीहत दी।

मार्च में ही पड़ गई थी सरकार-सीबीआइ में तल्खी की नींव

सीबीआइ पर नया सवाल

इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। अरुण जेटली ने नीतिगत फैसलों को जांच के बाहर रखने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि नीतियां भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही बनाई गई हों तो क्या उसे भी कानून में छूट दी जा सकती है। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पहले आओ पहले पाओ की नीति बनाई गई और उसके पहले ही पसंदीदा लोगों को जानकारी दे दी तो क्या नीति के नाम पर इस अपराध को नजरअंदाज किया जा सकता है। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच से सरकार मुसीबत में फंस गई है।

'जांच एजेंसी का काम न तो सरकार की नीतियों की आलोचना करना है और न ही वैकल्पिक नीतियां सुझाना।' - पी. चिदंबरम, केंद्रीय वित्त मंत्री

'भ्रष्टाचार की मंशा से ही अगर नीतियां बनें तो उन्हें जांच के दायरे से बाहर नहीं किया जा सकता।'

-अरुण जेटली, वरिष्ठ भाजपा नेता

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