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सीबीआइ को बचाने में जुटी सरकार

सीबीआइ के गठन को असंवैधानिक ठहराने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले से सकते में आई केंद्र सरकार जांच एजेंसी को बचाने में जुट गई है। इस बाबत सरकार शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। सरकार फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करेगी, क्योंकि हाई कोर्ट के फैसले से सीबीआइ का कामकाज प्रभावित हो रहा है। संभव है कि शनिवार को अदालत नहीं लगने पर मजिस्ट्रेट के घर पर अदालती कार्यवाही पूरी की जाए और सरकार को स्टे भी मिल जाए।

By Edited By: Published: Fri, 08 Nov 2013 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2013 02:21 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीबीआइ के गठन को असंवैधानिक ठहराने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले से सकते में आई केंद्र सरकार जांच एजेंसी को बचाने में जुट गई है। इस बाबत सरकार शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। सरकार फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करेगी, क्योंकि हाई कोर्ट के फैसले से सीबीआइ का कामकाज प्रभावित हो रहा है। संभव है कि शनिवार को अदालत नहीं लगने पर मजिस्ट्रेट के घर पर अदालती कार्यवाही पूरी की जाए और सरकार को स्टे भी मिल जाए। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने 6 नवंबर को सीबीआइ के गठन का 1963 का केंद्र सरकार का प्रशासनिक आदेश रद कर दिया था।

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गुवाहाटी हाई कोर्ट ने सीबीआइ के गठन के प्रशासनिक आदेश को असंवैधानिक ठहराते हुए कहा था कि कानूनन एजेंसी को पुलिस फोर्स की तरह जांच करने का अधिकार नहीं है। फैसले से विभिन्न घोटालों की सीबीआइ जांच का भविष्य अधर में लटक गया है। सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है। शुक्रवार को कार्मिक राज्यमंत्री वी. नारायणसामी मामले पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री से मिले। इस बीच सीबीआइ ने भी याचिका दायर करने के लिए कानूनी सलाह लेनी शुरू कर दी है।

कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ कार्मिक विभाग के तहत आता है और वही सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देगा। सुप्रीम कोर्ट को बताया जाएगा कि सीबीआइ का गठन 1963 के प्रशासनिक आदेश पर हुआ था। पिछले 50 साल से यह लागू है और इसे लागू रहने दिया जाए।

सरकार हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक की मांग भी करेगी, क्योंकि सीबीआइ कई संवेदनशील मामलों की जांच कर रही है और आदेश से उसका कामकाज प्रभावित होगा। हाई कोर्ट में सीबीआइ की ओर से पेश हुए केंद्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीपी मल्होत्रा ने भी कहा कि फैसला गलत है और इसे निरस्त होना चाहिए।

सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा है कि फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद कार्मिक विभाग को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उन्होंने फैसले के बाद पैदा हुई स्थिति पर सरकार से तत्काल कार्रवाई की मंाग की। सिन्हा ने बताया कि सरकार शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी, जिस पर सोमवार को सुनवाई की उम्मीद है।

'हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ नहीं बोल रहे, लेकिन किसी भी संस्था का गठन कानून के जरिए होता है और उसकी संवैधानिकता पर सवाल नहीं उठता।'

-अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस प्रवक्ता

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'सांसद के तौर पर मामले में संज्ञान लिया है, लेकिन मंत्री की हैसियत से कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। इस पर सरकार का साझा फैसला होगा।'

-मनीष तिवारी, सूचना व प्रसारण राज्यमंत्री

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'अभी तक मेरी चिंता राजनीतिक उद्देश्य के लिए सीबीआइ के दुरुपयोग पर रही है, लेकिन इसकी वैधानिकता पर नई चर्चा से अचंभित हूं।'

-अरुण जेटली, नेता विपक्ष, राज्यसभा

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