सोशल मीडिया पर छाए सुकमा के बॉडी बिल्डर कलेक्टर, सिक्स पैक एब्स देख छूट जाएगें पसीने

सुकमा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार (Vinit Nandanwar) की तस्वीर इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है। बिना शर्ट की इन तस्वीरों में वे सिक्स पैक एब्स के जरिये विनीत सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 01:54 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 01:54 PM (IST)
सोशल मीडिया पर छाए सुकमा के बॉडी बिल्डर कलेक्टर, सिक्स पैक एब्स देख छूट जाएगें पसीने
सुकमा के बाडी बिल्डर कलेक्टर विनीत नंदनवार की वायरल तस्वीर।

सुकमा, जेएनएन। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार की तस्वीरें इन दिनों इंटरनेट मीडिया में छाई हुई हैं। बिना शर्ट की इन तस्वीरों में वे सिक्स पैक एब्स के जरिये सभी का ध्यान खींच रहे हैं। सरकारी स्कूल में पढ़े जगदलपुर के मूल निवासी विनीत इसके पहले रायपुर में एडिशनल कलेक्टर थे। एक महीना पहले ही उन्होंने सुकमा के कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाली है।

विनीत स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली को लेकर शुरू से काफी गंभीर रहे हैं। सरकारी काम के दौरान भी बचे हुए समय का उपयोग सेहत सुधार के लिए करते हैं। वे कहते हैं कि व्यस्तता तो हमेशा ही रहती है, लेकिन इतनी भी नहीं कि दिन में अपने लिए एक घंटा न निकाला जा सके।

कोरोना को भी दी मात 

विनीत अगस्त में कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। रायपुर एम्स में इलाज हुआ। ठीक होकर लौटे तो काफी कमजोरी महसूस हो रही थी। इसके बाद खूब पसीना बहाया। आज फिर पहले की तरह फिट हो गए हैं। 'यह वक्त भी गुजर जाएगा' सूत्र वाक्य को अपनाने वाले विनीत कहते हैं कि आशा और निराशा जीवन में आती-जाती रहती है। बुरा वक्त हमेशा मजबूत बनाता है। इससे विचलित नहीं होना चाहिए।

युवाओं को दी सलाह

2013 बैच के आइएएस अधिकारी विनीत कहते हैं कि युवा उन्हें देखकर शारीरिक सौष्ठव बनाने का प्रयास जरूर करें, लेकिन किसी प्रकार का पाउडर या स्टेराइड कतई न लें। प्राकृतिक आहार लें। जंक फूड व तली-भुनी चीजों से परहेज करें। एक मिनट के स्वाद के लिए स्वास्थ्य से समझौता न करें।

नहीं बन पाए थे शिक्षाकर्मी

विनीत बताते हैं कि उनके चाचा ओमप्रकाश नंदनवार बचपन से कहा करते थे- तुम्हें कलेक्टर ही बनना है। यहीं से प्रेरणा मिली। आइएएस की परीक्षा पास करने से पहले बालको में काम किया। 2004 में शिक्षाकर्मी का इंटरव्यू भी दिया पर सफल नहीं हो पाए। निराश नहीं हुए। दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी की। हिंदी माध्यम से पूरी परीक्षा और इंटरव्यू भी दिया। लगातार कई साल की मेहनत आखिरकार रंग लाई। चौथे प्रयास में 227वीं रैंक लाने में सफल रहे।

मां हैं रोल माडल

विनीत कहते हैं कि मेरे संघर्ष और धैर्य में मेरी मां विमला नंदनवार की दी गई सीख हमेशा काम आई। वही मेरी रोल माडल हैं। आज जो कुछ भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं। किताबों में तो कई रोल माडल पढ़े हैं, पर असल जिंदगी में जिनसे प्रेरणा मिली, वह मां है। वैसे हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खासियत होती है। मैं जिनसे भी मिलता हूं, उनकी विशेषताओं को आत्मसात करने की कोशिश करता हूं।

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