इस वजह से फिर गरमाया बोफोर्स मामला, भाजपा सांसदों ने की दोबारा जांच की मांग

इस मामले में कथित गड़बड़ियों को लेकर जांच का नेतृत्व करने वाले स्‍वीडन के पुलिस अधिकारी स्टेन लिंडस्टॉर्म ने फिर से यह मामला गरमा दिया है।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Tue, 25 Jul 2017 09:29 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jul 2017 10:36 AM (IST)
इस वजह से फिर गरमाया बोफोर्स मामला, भाजपा सांसदों ने की दोबारा जांच की मांग
इस वजह से फिर गरमाया बोफोर्स मामला, भाजपा सांसदों ने की दोबारा जांच की मांग

नई दिल्‍ली, जेएनएन। दशकों पुराने बोफोर्स तोप मामले में दोबारा जांच कराने की मांग की गई है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी और निशिकांत दुबे ने शून्‍यकाल के दौरान संसद में पुरजोर तरीके से इस केस को दोबारा खोलने की मांग रखी। गौरतलब है कि मार्च, 1986 में भारत और स्‍वीडन के बीच होवित्‍जर तोपों को लेकर बड़ी डील हुई थी, जिसमें कई गड़बड़ियों का आरोप है।

जांच का नेतृत्व करने वाले स्‍वीडन के पुलिस अधिकारी स्टेन लिंडस्टॉर्म ने फिर से यह मामला गरमा दिया है। एक भारतीय न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्‍होंने इस डील के संबंध में 65 करोड़ रुपए के भुगतान मामले में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की संदिग्‍ध भूमिका को लेकर चर्चा की है। जिसके बाद ही इस केस को दोबारा खोले जाने और फिर से जांच कराने की मांग की गई है।

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और स्वीडन के प्रधानमंत्री ओलोफ पालमे के बीच बातचीत से संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं, जिससे गड़बड़ियों की बात साबित होती है। उन्‍होंने कहा कि लिंडस्टॉर्म के मुताबिक, उस चर्चा से संबंधित दस्तावेज अभी भी सरकार के पास कहीं हैं। यह कहना कि यह पुराना मामला है और इसे भूल जाना चाहिए, गलत होगा। क्योंकि अगर पुराने मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो वे फिर से हमारे सामने आ जाएंगे।

वहीं निशिकांत दुबे ने कहा कि सीबीआई को इस मामले को फिर से खोलना चाहिए और उसकी जांच करनी चाहिए। सीबीआई ने पहले भी इसके लिए अनुमति मांगी थी, मगर यूपीए सरकार ने अनुमति नहीं दी।

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