कम नहीं हो रही दिल्ली कांग्रेस की मुश्किलें, अब ये दिग्गज भी छोड़ सकते हैं पार्टी; प्रत्याशियों की बढ़ी मुश्किलें
आम आदमी पार्टी से गठबंधन पुराने कांग्रेसियों को हजम नहीं हो रहा है। जिस पार्टी ने कांग्रेस को भ्रष्ट बताते हुए उसकी कब्र खोदी थी और जिसके शीर्ष नेता स्वयं आज भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं के साथ सियासी गठजोड़ को शीला सरकार के साथ रहे मंत्री-विधायक कतई तार्किक नहीं मान रहे। ऐसे में पार्टी के अन्य नेता कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने तथा पूर्व मंत्री राज कुमार चौहान के बाद अब पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया के भी कांग्रेस छोड़ देने से पार्टी की सियासत गर्माती जा रही है। सूत्रों की मानें तो अभी यह सिलसिला जारी रह सकता है। इसकी वजह से चुनावी बेला में संगठन ही नहीं, प्रत्याशियों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।
दरअसल, आम आदमी पार्टी से गठबंधन पुराने कांग्रेसियों को हजम नहीं हो रहा है। जिस पार्टी ने कांग्रेस को भ्रष्ट बताते हुए उसकी कब्र खोदी थी और जिसके शीर्ष नेता स्वयं आज भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं, के साथ सियासी गठजोड़ को शीला सरकार के साथ रहे मंत्री-विधायक कतई तार्किक नहीं मान रहे।
कांग्रेस खुद अपनी जमीन छोड़ती जा रही
उनका कहना है कि इस तरह कांग्रेस खुद अपनी जमीन छोड़ती जा रही है। रही सही कसर दो सीटाें पर बाहरी उम्मीदवार कन्हैया कुमार एवं उदित राज को टिकट देकर पूरी कर दी गई।
मालूम हो कि कन्हैया कुमार ने अपने संसदीय क्षेत्र में जो होर्डिंग्स लगवाए हैं, उनमें लवली क्या, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक का फोटो नहीं है। जबकि सीएम अरविंद केजरीवाल का फोटो लगाया गया है। कन्हैया शीला सरकार की उपलब्धियों को दरकिनार कर केजरीवाल का बखान भी खूब कर रहे हैं।
सुनीता से मुलाकात की जानकारी नहीं
इसी तरह उदित राज कांग्रेस को चार प्रतिशत वोट पर सिमटने वाली पार्टी कहते घूम रहे हैं। इससे पार्टी के पुराने नेताओं का आक्रोश और भड़क रहा है। आलम यह है कि बुधवार को कन्हैया कुमार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की सूचना भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के संज्ञान में नहीं थी।
अमित मलिक भी छोड़ सकते हैं पार्टी
पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित भी आने वाले दिनों में कड़ा कदम उठा सकते हैं। इसी तरह पूर्व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक भी जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं। इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली कांग्रेस के एक नेता जो कई वर्षों से प्रदेश स्तर पर विभिन्न पदों पर आसीन रहे है, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। और भी कुछ नेता हैं, जिनका निर्णय वक्त के साथ सामने आएगा।
कन्हैया-उदित राज को समर्थन देने से इनकार
सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस की इस कलह का मतदाताओं के बीच बहुत गलत संदेश जा रहा है। आप के अनेक नेता जेल में बंद हैं तो प्रदेश कांग्रेस के नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। कन्हैया कुमार एवं उदित राज को पार्टी कार्यकर्ता ही अपना समर्थन देने से इनकार कर रहे हैं। इन हालातों में जो मतदाता गठबंधन प्रत्याशियों को वोट देने का मन बना रहे थे, उनकी सोच भी बदल सकती है अथवा ऐसे लोगों की संख्या कम हो सकती है।