भाजपा की विचार धारा तोड़ने वाली : सोनिया

अमेठी [जागरण संवाददाता]। राहुल गांधी के दस साल के सियासी सफर में यह पहला मौका था, जब उनकी मां व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेठी में बेटे के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित किया। वह भी तब जब तेज आंधी के बीच हेलीकाप्टर के पायलट ने उड़ान भरने से इन्कार कर दिया तो विपरीत मौसम में तीन घंटे देर से ही सही सोनिया सड़क मार्ग से बेटे राहुल के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित करने के लिए फुरसतगंज से नंदमहर पहुंचीं।

By Edited By: Publish:Sat, 19 Apr 2014 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 19 Apr 2014 09:17 PM (IST)
भाजपा की विचार धारा तोड़ने वाली : सोनिया

अमेठी [जागरण संवाददाता]। राहुल गांधी के दस साल के सियासी सफर में यह पहला मौका था, जब उनकी मां व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेठी में बेटे के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित किया। वह भी तब जब तेज आंधी के बीच हेलीकाप्टर के पायलट ने उड़ान भरने से इन्कार कर दिया तो विपरीत मौसम में तीन घंटे देर से ही सही सोनिया सड़क मार्ग से बेटे राहुल के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित करने के लिए फुरसतगंज से नंदमहर पहुंचीं।

सभा में वह भाजपा पर आक्रामक रहीं। कहा कि भाजपा की विचारधारा तोड़ने वाली है। हम जोड़ने की बात करते हैं। जो भ्रष्टाचार में डूबे हैं, वे हमारे ऊपर उल्टा-सीधा आरोप लगा रहे हैं। वे झूठ बोलते हैं। हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, परमाणु शक्ति सब कुछ भारत के लोगों की मेहनत व कांग्रेस की सोच से हासिल हुआ है।

सोनिया ने कहा कि शिक्षा का अधिकार, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, भूमि अधिग्रहण कानून लाकर सरकार ने आम लोगों को सीधे लाभ पहुंचाया। मां जब अपने बच्चे को भूखे पेट सुला देती है तो जो दर्द होता है वह मैं महसूस करती हूं। एक तरफ भाजपा कट्टरता, धर्म, जाति, वर्ग के आधार पर भेदभाव सिखाती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस की विचार धारा है जो सभी को एक साथ लेकर चलती है।

उन्होंने कहा कि आज मैं अपने अमेठी परिवार से दिल की दो बात करने आई हूं। पांच पीढि़यों से हमारा रिश्ता है। हमने 2004 में अमेठी को अपना पुत्र राहुल दिया था। राहुल को जो जिम्मेदारी दी गई, उसको उन्होंने बखूबी निभाया। आज मुझे राजीव दिल से याद आ रहे हैं। 1981 में इंदिरा जी राजीव को लेकर अमेठी आई थीं और उन्होंने अमेठी के लोगों को अपना बेटा सौंपा था। तब अमेठी में ऊसर भूमि थी। सड़कों का नाम नहीं था।

पीने के पानी का साधन भी नहीं था, लेकिन तब से लेकर आज तक के बीच अमेठी में बहुत कुछ बदल गया है। पांच नामी शैक्षिक संस्थान हैं। अमेठी एजुकेशन हब बनने को है। राहुल व प्रियंका को अमेठी ने बहुत प्यार दिया है। 15 मिनट के संबोधन के आखिरी क्षणों में राहुल को जिताने की अपील के साथ अपनी बात खत्म की। जाते-जाते तीन बार मंच से जय हिंद के नारे भी लगवाये।

पढ़ें: सोनिया का दूरदर्शन से संदेश प्रसारण रोके चुनाव आयोग

मां के प्रचार अभियान में जुटी प्रियंका, नुक्कड़ सभा का लिया सहारा

chat bot
आपका साथी