आयुष के खिलाफ टिप्पणी पर आइएमए को नोटिस, कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकाल के खिलाफ जारी किया था बयान

आयुर्वेद के एक डॉक्टर और भारतीय औषधियों के ज्ञाता ने कोरोना के लिए आयुष के उपचार के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आइएमए के एक बयान पर कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने आयुर्वेद दवाओं को प्रायोगिक औषधि बताने पर भी आपत्ति जताई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 09:57 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 09:57 PM (IST)
आयुष के खिलाफ टिप्पणी पर आइएमए को नोटिस, कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकाल के खिलाफ जारी किया था बयान
क डॉक्टर ने कोविड-19 के लिए आयुष के उपचार के खिलाफ आइएमए के बयान पर उसे कानूनी नोटिस भेजा है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। आयुर्वेद के एक डॉक्टर और भारतीय औषधियों के ज्ञाता ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के लिए आयुष के उपचार के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आपत्तिजनक बयान पर एक कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने आयुर्वेद की दवाओं को प्रायोगिक औषधि बताने का भी विरोध किया है।

वैद्य प्रशांत तिवारी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के खिलाफ जारी आयुष और योग के प्रबंधन प्रोटोकाल के आधार पर यह नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता अर्चना पाठक दवे के जरिये भेजे गए नोटिस में आइएमए पर इस प्रोटोकाल के वैज्ञानिक, तार्किक और नैदानिक शोधों के आधार को जाने बगैर इस पर नकारात्मक टिप्पणी की गई है।

नोटिस में आइएमए पर आरोप लगाया गया है कि आयुष के उपचार के तरीकों और उसके चिकित्सकों के खिलाफ संशय फैलाने के लिए इस संगठन ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। आयुष के उपचार और चिकित्सकों के खिलाफ अविश्वास पैदा करने के चलते उसकी प्रतिष्ठा और वित्तीय आय को नुकसान पहुंचा है।

तिवारी ने कहा कि आयुष मंत्रालय की ओर से बिना लक्षण वाले और हल्के कोविड संक्रमण के मरीजों को खानपान से लेकर नैदानिक कदमों तक पर बल दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि आएएमए ने आयुष मंत्रालय पर एलोपैथिक दवाओं की जगह अपनी दवाओं की सिफारिश करने का आरोप लगाया है।

कोविड से बचाव व देखभाल के लिए आयुष की ओर से प्रोटोकाल जारी किया गया है। इसके चलते आइएमए ने स्वास्थ्य मंत्रालय पर जनता से धांधली करने का आरोप लगाया था। आइएमए के अध्यक्ष व महासचिव की ओर से यह विवादास्पद बयान जारी किया गया था। 

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