बांधवगढ़ उपचुनाव: अटलजी का झोला बटोरेगा ज्ञान सिंह के बेटे के लिए वोट

मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ में ज्यों-ज्यों विधानसभा उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही हैं, वैसे- वैसे टोटकों का दौर भी शुरू हो गया है।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 08:45 AM (IST)
बांधवगढ़ उपचुनाव: अटलजी का झोला बटोरेगा ज्ञान सिंह के बेटे के लिए वोट
बांधवगढ़ उपचुनाव: अटलजी का झोला बटोरेगा ज्ञान सिंह के बेटे के लिए वोट

नई दुनिया प्रतिनिधि, बांधवगढ। विधानसभा उपचुनाव 9 अप्रैल को होंगे और जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे इस चुनाव को जीत लेने के लिए टोटकों का भी सहारा लिया जाने लगा है। सांसद ज्ञान सिंह अपने उस झोले के साथ लोगों के बीच पहुंचने लगे हैं जो 1984 में उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी ने मुंबई अधिवेशन के दौरान दिया था।

33 साल बाद भी ज्ञान सिंह ने उस झोले को संभाल कर रखा हुआ है। अब इसे दाऊ का अंधविश्वास कहा जाए या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के प्रति उनका सम्मान लेकिन जब भी चुनाव आता है वे झोले को गले में टांगकर जनता के बीच निकल जाते हैं। पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उमरिया आए थे, तब भी उनके सामने ज्ञान सिंह ने इस झोले की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि वे उस दिन को नहीं भूले, जब उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी जी ने यह झोला दिया था।

पलट जाएगी हवा!

गांव के लोग तो ये चर्चा करते ही हैं कि अभी जो चल रहा है वो चलता रहे लेकिन जब ज्ञान सिंह झोला लेकर निकलेंगे तो हवा पलट जाएगी। लगभग सभी चुनावों में लोगों ने हवा पलटते हुए देखा भी है और हर चुनाव में अपने इस झोले के साथ ज्ञान सिंह ने विजय को प्राप्त किया है। झोले को लेकर भ्रांतियां ज्ञान सिंह के इस झोले को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां भी हैं। भले ही वे खुद कई बार मंचों से ये कह चुके हैं कि उन्हें यह अटलजी ने दिया है लेकिन जिन लोगों ने ज्ञान सिंह की इस बात को ध्यान से नहीं सुना, वे ये कहते हैं कि उन्हें ये झोला किसी चमत्कारी साधु ने दिया है।

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