Health Benefits of Moong Dal : सेहत के लिए बेमिसाल मूंग की दाल, जानें इसके खास फायदे

Health Benefits of Moong Dal डॉ. संगीता मालू ने बताया कि अंकुरित मूंग में फ्री एमिनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स सामान्य मूंग की अपेक्षा 6 गुना अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 03:39 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 08:44 AM (IST)
Health Benefits of Moong Dal : सेहत के लिए बेमिसाल मूंग की दाल, जानें इसके खास फायदे
Health Benefits of Moong Dal : सेहत के लिए बेमिसाल मूंग की दाल, जानें इसके खास फायदे

नई दिल्ली। Health Benefits of Moong Dal : पेट के लिए पथ्य के रूप में भारतीय रसोई की प्राथमिकता रही है मूंग। अंतरराष्ट्रीय शोध भी अब असाध्य रोगों से लड़ने में मूंग की महिमा को कर रहे हैं नमस्कार और ‘सुपरफूड’ की श्रेणी में आ गया है भारत का यह उपहार... मूंग की दाल को उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए जितना बाजार में बिकने वाले बायोएक्टिव फूड कंपाउंड को दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दालों में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड में न केवल बिगड़े हुए स्वास्थ को सुधारने की क्षमता होती है, बल्कि कई असाध्य बीमारियों को ठीक करने की भी योग्यता होती है। जानें क्‍या कहती है इंदौर की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर : बीजिंग विश्वविद्यालय, चीन द्वारा हाल ही में किए गए शोध-अध्ययनों से यह पता चला है कि मूंग दाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स न केवल शरीर की स्वास्थगत आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, बल्कि डिजनरेटिव डिजीजेज के खिलाफ एक डिफेंस मैकेनिज्म भी प्रस्तुत करते हैं। महामारी को लेकर हुए एक शोध-अध्ययन में पाया गया है कि दालों में जहां एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं वहीं उन्हें अपने भोजन में शामिल करने से उम्र बढ़ने के साथ होने वाली शरीर में मौजूद कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की गति भी मंद पड़ जाती है। इसी तरह सीवीडी, कैंसर, अर्थराइटिस और अल्जाइमर्स डिजीज होने के अवसर भी कम हो जाते हैं।

मिलते हैं खास एमिनो एसिड: मूंग की दाल में वे आवश्यक एमिनो एसिड्स भी होते हैं जिन्हें हमारा शरीर पैदा नहीं कर पाता है, लेकिन उनकी जरूरत बनी रहती है। मूंग की दाल अथवा अंकुरित मूंग से इन एमिनो एसिड की पूर्ति होती है। इसी तरह पौधों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन में से मूंग दाल की प्रोटीन को श्रेष्ठ माना गया है। इसमें फेनिलएलनिन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन, वेलीन, लाइसिन, अर्जनाइन जैसे कई महत्वपूर्ण एमिनो एसिड पाए जाते हैं। बेहद सक्षम है मूंग की दाल: टेस्ट ट्यूब में हुए शोध-अध्ययन के मुताबिक मूंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़ों और पेट में कैंसर के सेल्स द्वारा पहुंचाई जा रही क्षति को खत्म करने में समर्थ हैं।

विटेक्सीन और आइसोविटेक्सीन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स हीट स्ट्रोक (लू लगना) की आशंका को कम करते हैं। हमारे देश सहित कई एशियाई देशों में गर्मियों के मौसम में मूंग का सूप पीने का चलन है। खराब कोलेस्ट्रोल को कम कर देने की क्षमता होने के कारण मूंग दाल का सेवन करने वालों को हार्ट डिजीज का जोखिम कम हो जाता है। मूंग दाल पर हुए 26 अलगअलग शोध अध्ययनों के बाद यह नतीजा निकला है कि खराब कोलेस्ट्रोल को घटाया जा सकता है।

ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है : पोटेशियम, मैग्नेशियम और फाइबर से भरपूर होने के कारण मूंग के बीज ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित कर सकते हैं। सारी दुनिया में हाई ब्लड प्रेशर को दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों में प्रमुख कारण माना जाता है। 200 ग्राम मूंग की दाल में 15.4 ग्राम फाइबर होता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त करने में समर्थ है। इसके अलावा मूंग दाल में पेक्टिन नामक एक घुलनशील फाइबर होता है, जो भोजन को आंतों में आगे बढ़ाने में सहायक होता है। रेजिस्टेंट स्टार्च होने की वजह से आंतों में भोजन की गति बढ़ जाती है, जो कब्ज नहीं होने देती। आंतों में मौजूद हेल्दी बैक्टेरिया को रेजिस्टेंट स्टार्च से पोषक तत्व ग्रहण करने में आसानी हो जाती है।

वजन घटाने के प्रयास में मूंग की दाल : मूंग दाल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स को आसानी से हजम किया जा सकता है, जबकि दूसरी दालों को हजम करने में दिक्कत होती है। डायबिटीज को कई रोगों की जड़ माना जाता है। मूंग के बीजों में ऐसी कई खूबियां होती हैं जिनसे ब्लड शुगर लेवल घटाया जा सकता है। इसी के साथ ली जा रही इंसुलिन को भी और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। वजन घटाने के प्रयास में मूंग की दाल अथवा अंकुरित मूंग पर निर्भर रहा जा सकता है। फाइबर और प्रोटीन भूख बढ़ाने वाले हार्मोन को दबाने में समर्थ होते हैं। यदि भूख को दबा सकें तो कैलोरी भी कम से कम अंदर जाएगी। कम कैलोरीज का मतलब है वजन संतुलित रहना।

भारत की देन है मूंग : दुनिया को भारत की देन है मूंग। मिस्र के पिरामिडों में दफन ममियों के साथ रखे गए पात्रों में तिल के बीजों के साथ मूंग दाल भी पाई गई है। यहां पैदा होकर मूंग दाल चीन और मध्य एशिया के रास्ते यूरोप और दुनिया के अन्य देशों में इस्तेमाल की जाती है। इसके एक कप यानी लगभग 200 ग्राम बीजों से 212 कैलोरी मिलती है जिसमें फैट, प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट्स, फाइबर, फोलेट, मैंगनीज, विटामिन बी-1, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, जिंक तथा विटामिन बी-2, बी-3, बी-5, बी-6 और सेलेनियम भी शामिल है।

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