अगले लोकसभा चुनाव से पहले पूरी होंगी सभी सिंचाई परियोजनाएं

किसान देश के भाग्य विधाता तो हैं ही, चुनाव के निर्धारक भी माने जाते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Aug 2017 06:25 AM (IST) Updated:Thu, 17 Aug 2017 06:25 AM (IST)
अगले लोकसभा चुनाव से पहले पूरी होंगी सभी सिंचाई परियोजनाएं
अगले लोकसभा चुनाव से पहले पूरी होंगी सभी सिंचाई परियोजनाएं

नई दिल्ली, ब्यूरो। किसान देश के भाग्य विधाता तो हैं ही, चुनाव के निर्धारक भी माने जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले ही सात दर्जन से ज्यादा सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का बी़डा उठा लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट ने वर्षो से अटकी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का रास्ता साफ कर दिया। इन परियोजनाओं को चालू करने के लिए राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन दिए गए हैं।

कैबिनेट का फैसला
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-सात दर्जन से ज्यादा सिंचाई परियोजनाओं से बदलेगी खेती की तस्वीर
- 90 अरब रुपए का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की व्यवस्था
-1.18 करो़ड हेक्टेयर जमीन की सिंचाई से बदलेगी तस्वीर
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सिंचाई परियोजनाओं को समग्र तौर पर लागू करने के लिए बनाई गई एआईबीपी स्कीम की वित्तीय क्षमता और ब़़ढ जाएगी। इन परियोजनाओं को नाबार्ड के जरिये 9020 करो़ड रपए उपलब्ध कराने का रास्ता साफ हो गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक पिछले वर्ष सरकार ने 106 सिंचाई परियोजनाओं का चयन किया था जिनसे 1.18 करो़ड हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की व्यवस्था हो सकेगी। चयनित परियोजनाओं में से अधिकांश लघु सिंचाई परियोजनाएं हैं। एक वर्ष के भीतर इनमें से 18 परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है। इस वर्ष 36 परियोजनाओं का काम पूरा हो जाएगा। शेष बची परियोजनाओं के लिए भी आवश्यक वित्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है ताकि उन्हें भी वर्ष 2019 तक पूरा किया जा सके।
पिछले वर्ष के बजट में सरकार ने इनके लिए लंबी अवधि का एक फंड बनाने का एलान किया था जिसके तहत 20 हजार करो़ड रुपए के इंतजाम की बात थी। अब इस फंड में 9000 करो़ड रुपए और जुट जाएंगे जिसकी व्यवस्था कैबिनेट ने की है। खस्ताहाल और देरी से चल रही सिंचाई परियोजनाओं को देश की कृषि व्यवस्था की फिलहाल सबसे कमजोर क़़डी के तौर पर देखा जाता है। हाल ही में एक गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट ने इस बात को उजागर किया है कि सिंचाई परियोजनाओं की सफलता का सीधा संबंध किसानों की माली हालत से होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि किसान को सिंचाई के लिए पानी मिल जाए तो वह माटी से सोना उगा दे। उन्होंने लालकिले से ही भरोसा दिया था कि सरकार बाकी परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी।

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