इसा के बाद अब भारत ने चीन की लू झिंगुआ का भी वीजा किया रद

भारत ने चीन की एक्टिविस्ट और अमेरिकी नागरिक लू झिंगाओ का वीजा एेेन वक्त पर रद कर दिया है। उइगर विद्रोही नेता इसा के बाद यह दूसरा मामला है जिसमें भारत ने ऐसा कदम उठाया है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 28 Apr 2016 02:43 PM (IST) Updated:Thu, 28 Apr 2016 10:20 PM (IST)
इसा के बाद अब भारत ने चीन की लू झिंगुआ का भी वीजा किया रद

नई दिल्ली (एएनआई)। चीन के विद्रोही उइगर नेता दोल्कुन इसा का वीजा रद करने के बाद अब भारत ने थ्येनआनमन एक्टिविस्ट लू झिंगुआ काेे वीजा भी एेेन वक्त पर रद कर दिया। लू को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। यह कार्यक्रम को 28 अप्रेल को निर्धारित है। लू भी उसी कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाली थीं जिसमें इसा को भी आमंत्रित किया गया था। जानकारी के मुताबिक उनको एयर इंडिया की न्यूयार्क से दिल्ली आने वाली उड़ान में बैठने से ऐन पहले इस बात की जानकारी दी गई। उनको वीजा रद करने की जानकारी भारत सरकार ने ईमेल से दी थी। लू फिलहाल अमेरिकी नागरिक हैं।

लू के मुताबिक उन्हें एयर इंडिया के अधिकारियों ने उनका वीजा रद किए जाने की बात कहकर विमान में चढ़ने से रोक दिया। हालांकि उन्हाेंने इसके पीछे किसी तरह की कोई वजह भी नहीं बताई। इस दौरान उन्हें काफी देर तक काउंटर पर ही खड़े रखा गया जिसके चलते उनकी अधिकारियों से काफी कहा-सुनी भी हो गई थी। अधिकारियों के मुताबिक उनके जाने के लिए कांफ्रेंस वीजा की जरूरत थी।

लू वर्ष 1989 में थ्येनआमनम स्क्वायर पर हुए प्रदर्शन के दौरान सुुर्खियों में आई थीं। वह उस दौरान एक तेज तर्रार छात्र नेता के तौर पर उभरकर सामने आई थीं। फिलहाल में वह अमेरिका में ह्यूमन राइट की वकील हैं।गौरतलब है कि चीन की कड़ी आपत्ति के बाद भारत ने इसा का वीजा रद किया था। उन्हें एक कार्यक्रम में शिरकत के लिए धर्मशाला में आमंत्रित किया गया था। इसा चीन में आतंकी घोषित हैं लिहाजा उनको भारत द्वारा वीजा दिए जाने का मामला काफी तूल पकड़ गया था। लेकिन भारत ने अपनी कूटनीतिक समझदारी दिखाकर इसपर कोई बड़ा विवाद बनने से पहले ही उनका वीजा रद कर दिया था। इसा के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। इसा फिलहाल जर्मनी के नागरिक हैं।

चीन के विश्वविद्यालय से तीन भारतीय छात्र निष्कासित

बीजिंग, पीटीआई। चीन के एक विश्वविद्यालय ने तीन भारतीय छात्रों को निष्कासित कर दिया है। भारतीय छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद विश्वविद्यालय ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की।

एक भारतीय राजनयिक ने बताया कि यीचांग के जॉर्ज यूनिवर्सिटी में हुए संघर्ष में एक छात्र को चाकू घोंप दिया गया। इस घटना के बाद निष्कासित तीनों छात्रों को चीन से निर्वासित कर दिया गया है। उन्होंने रैगिंग जैसी घटनाओं को लेकर बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई। हिंसा में शामिल सभी मेडिकल के छात्र थे।

चीन के विभिन्न शहरों में करीब आठ हजार भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि चीन के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में लगभग 14,000 भारतीय छात्र हैं। हिंसा की इस घटना के बाद चीन स्थित भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी कर कहा है कि छात्रों के ऐसे आचरण स्वीकार्य नहीं होंगे। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी भी दी गई।

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