उइगर नेता को वीजा देने पर भारत से खफा था चीन
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने उइगर नेता को वीजा देने के मसले पर आपत्ति जताने की बात कुबूली। उइगर नेता के खिलाफ इंटरपोल की ओर से रेड कार्नर नोटिस जारी है। सभी सदस्य देशों का यह दायित्व है कि उसे पकड़ कर हमारे हवाले करें
बीजिंग, (पीटीआई)। चीन ने मंगलवार को कहा कि उसके द्वारा नाराजगी जताने के बाद ही भारत ने विद्रोही उइगर नेता दोल्कुन इसा को दिया गया वीजा रद किया। इतना ही नहीं उसने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के मुद्दे पर भी भारत को नसीहत दे डाली।
बीजिंग का कहना है कि मसूद मसले का हल भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये निकालना चाहिए। मार्च में चीन ने आतंकी सरगना मसूद पर संयुक्त राष्ट्र की पाबंदी लगाने के भारत के प्रस्ताव को वीटो लगाकर निष्क्रिय कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने उइगर नेता को वीजा देने के मसले पर आपत्ति जताने की बात कुबूली। इस बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उनका कहना था, 'हमने जब देखा कि भारत दोल्कुन को वीजा देने जा रहा है तो इस पर फौरन अपनी नाराजगी जताई।' बकौल हुआ, 'उइगर नेता के खिलाफ इंटरपोल की ओर से रेड कार्नर नोटिस जारी है। सभी सदस्य देशों का यह दायित्व है कि उसे पकड़ कर हमारे हवाले करें।'
उन्होंने बताया कि दोल्कुन मसले का हल कूटनीतिक चैनल के जरिये निकाला गया। दोल्कुन वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के प्रमुख हैं। चीन से भागकर वह जर्मनी में रहते हैं। उन्हें धर्मशाला में आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आना था। इसके लिए उन्होंने वीजा का आवेदन दिया था। जिसे मंजूर करने के बाद भारत ने चीन के दबाव में रद कर दिया।
पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के खिलाफ भारत के प्रस्ताव पर अड़ंगा डालने के मुद्दे पर चीनी प्रवक्ता का कहना था कि इस मसले का हल भारत, पाकिस्तान को सीधी और गंभीर बातचीत के जरिये ही निकालना चाहिए। यह शुद्ध रूप से द्विपक्षीय मसला है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादरोधी समिति के नियमों के तहत यह प्रावधान है कि ऐसे मसलों का हल संबंधित देश आपसी बातचीत के जरिये ही निकालें।