26 जनवरी को हुए उपद्रव से आक्रोशित बार काउंसिल, कहा- दी जाएगी सजा

बार काउंसिल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा और उपद्रव की निंदा की है। काउंसिल ने गुरुवार को कहा गर्व सम्मान और संप्रभुता के प्रतीक लाल किला के परिसर में घुसकर उपद्रवियों ने जो किया वह क्षमा योग्य नहीं है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 09:52 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 10:09 AM (IST)
26 जनवरी को हुए उपद्रव से आक्रोशित बार काउंसिल, कहा- दी जाएगी  सजा
बार काउंसिल ने कहा उपद्रवियों को मिलेगी सजा

  नई दिल्ली, एएनआइ। Farmers Protest at Red Fort Delhi on Republic Day: बार काउंसिल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा और उपद्रव की निंदा की है। काउंसिल ने गुरुवार को कहा, 'गर्व सम्मान और संप्रभुता के प्रतीक लाल किला के परिसर में घुसकर उपद्रवियों ने जो किया वह क्षमा योग्य नहीं है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं उन सभी की पहचान की जाएगी और उन्हें सजा मिलेगी।' 

 बुधवार को बार काउंसिल ने इस बाबत प्रेस रिलीज जारी की। इसमें 26 जनवरी को राजधानी में हुए हिंसक घटना की कड़ी आलोचना की गई और उपद्रवियों को सजा देने पर जोर दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि दिल्ली पुलिस से किए गए वादे को निभाने में किसान नेता असफल रहे। 

उपद्रवियों ने सुरक्षा में तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों पर रॉड, तलवार और लाठी से हमला बोला था। उपद्रवी ट्रैक्टरों के साथ लाल किला परिसर में घुस गए। यहां का कोई हिस्सा ऐसा नहीं बचा है जिसे क्षति न हुई हो। यहां के चेकिंग और टिकट काउंटर के प्रवेश द्वार, मेटल डिटेक्टर गेट के साथ कुर्सी, मेज, पंखे, कंप्यूटर व आफिस तक को तहस-नहस कर दिया गया है। उपद्रवियों ने सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय में रखे कंप्यूटर, कुर्सी, मेज, एयरकंडीशनर, आलमारी पर रॉड और लाठियां बरसाईं। इसके खिड़की और दरवाजों को तोड़ दिया। सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि कार्यालय में रखे काफी सामान भी उपद्रवियों ने लूट लिए। वहीं लाल किले की प्राचीर के ऊपर स्थित संरक्षित गुंबद को भी तोड़ दिया गया है।

बता दें कि इस उपद्रव के बाद लाल किले की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसकी सुरक्षा में बाहर भीतर पांच हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। इसमें दिल्ली पुलिस के साथ ही अर्धसैनिक बल आइटीबीपी, बीएसएफ, सीआपीएफ व आरएएफ के जवान भी है। उच्चाधिकारी भी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं। इसी तरह लाउडस्पीकर से इस ओर किसी को न आने की चेतावनी दी जा रही है।

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