विधायकों को सबक सिखाने को चुनाव चाहती है आप
दिल्ली विधानसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रही आम आदमी पार्टी (आप) की यह कोशिश अपने विधायकों को सबक सिखाने के लिए भी है। गत वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित सफलता मिली थी और कई पार्टी कार्यकर्ता एक झटके में विधायक बन गए थे।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली विधानसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रही आम आदमी पार्टी (आप) की यह कोशिश अपने विधायकों को सबक सिखाने के लिए भी है। गत वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित सफलता मिली थी और कई पार्टी कार्यकर्ता एक झटके में विधायक बन गए थे। इनमें से कई को उम्मीद भी नहीं थी कि राजनीति से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होने के बावजूद वह इतनी आसानी से विधायक बन जाएंगे। लेकिन कई विधायकों की महत्वाकांक्षा बढ़ गई। सूत्रों के अनुसार इसे देखते हुए ही पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल जल्द से जल्द विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली में जब केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे थे, तब मंत्री बनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों में होड़ लग गई थी। पार्टी विधायक विनोद कुमार बिन्नी तो खुलकर सामने आ गए और तभी से पार्टी के खिलाफ हो गए। उसके बाद जिन विधायकों में असंतोष उभरा वह अभी तक कायम है। केजरीवाल ने जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो जो विधायक मंत्रिमंडल में शामिल होने की चाह रखते थे, उन्हें इससे काफी राहत मिली।
सियासी जानकारों के मुताबिक करीब एक दर्जन पार्टी विधायक ऐसे हैं जो सरकार जाने के बाद से पार्टी से दूरी बनाकर अपने दायरे में रहना बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे विधायक जनसमस्याओं के निदान के लिए नहीं बल्कि अपने लिए जनाधार बनाने में जुटे हुए हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले दिनों दिल्ली के जिस इलाके में अरविंद केजरीवाल की बड़ी जनसभाएं हुई वहां से पार्टी के मौजूदा विधायकों ने दूरी बनाए रखी। हालांकि विधायकों ने इसके लिए कारण भी गिनाए। जनसभा के सफल आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने निभाई। पार्टी के संस्थापक सदस्य भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि आप से दूरी बनाए विधायकों के बूते ही भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है।
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