एनसी की बैठक में कहानी सुनाकर रो पड़े अरविंद केजरीवाल

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपनी बात रखते-रखते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतने व्यथित हो गए कि रो पड़े। केजरीवाल बोले, आम आदमी पार्टी को मैंने शुगर का मरीज होने के बाद भी 13 दिन के अनशन के बाद खड़ा किया है, मैं पार्टी को बर्बाद नहीं होने दूंगा।

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Sun, 29 Mar 2015 12:46 AM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2015 11:31 AM (IST)
एनसी की बैठक में कहानी सुनाकर रो पड़े अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, [वीके शुक्ला]। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपनी बात रखते-रखते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतने व्यथित हो गए कि रो पड़े। केजरीवाल बोले, आम आदमी पार्टी को मैंने शुगर का मरीज होने के बाद भी 13 दिन के अनशन के बाद खड़ा किया है, मैं पार्टी को बर्बाद नहीं होने दूंगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। अब आप लोग तय करें कि पार्टी ये लोग चलाएं या फिर कोई और। आप संयोजक ने कहा कि मैं इन लोगों के साथ काम नहीं कर सकता। यह कहते-कहते केजरीवाल रोते हुए बैठक से चले गए।

इससे पहले उन्होंने बैठक में अपनी बात रखने के लिए एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक राजा के पास दो महिलाएं एक मुकदमा लेकर आईं। मुकदमा यह था कि एक बच्चा उनके साथ था जिसे वे दोनों अपना बता रही थीं। राजा ने हुक्म दिया कि बच्चे को दो टुकड़ों में बांट दिया जाए। बच्चे को काटने की तैयारी की गई, मगर उसमें से एक महिला रो पड़ी और बोली, बच्चा भले ही इस बहन को दे दो लेकिन इसे काटो मत। राजा समझ गया कि बच्चा किसका है और उसने बच्चा उस महिला को दे दिया।

कहानी सुनाने के बाद केजरीवाल ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता शांति भूषण के उन्हें कमतर आंकने वाले बयान ने उन्हें झकझोर दिया था। उस बयान में केजरीवाल को पार्टी के संयोजक पद से हटाने की भी बात कही गई थी। इस बयान के बाद एक साक्षात्कार में दैनिक जागरण ने केजरीवाल से पूछा था कि वह कौन सी बात है जो उन्हें सबसे अधिक बुरी लगी हो। इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि शांति भूषण जी ने मुझे लेकर जो बयान दिया वह मुझे बहुत बुरा लगा है।

कापसहेड़ा में हंगामा तो पार्टी दफ्तर में पसरा रहा सन्नाटा

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जहां दिनभर बवाल मचा रहा। वहीं, शनिवार को पटेल नगर स्थित आप के दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा। कार्यालय के अंदर-बाहर के माहौल से लग ही नहीं रहा था कि इस पार्टी की राज्य में सरकार भी है। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर कुछ पुलिसकर्मी और एक पुलिस की जिप्सी पार्टी कार्यालय के नजदीक तैनात रहीं, लेकिन पुलिसकर्मी भी सन्नाटे में ऊंघ रहे थे।

आस-पास के लोगों ने बताया कि जब से पार्टी में विवाद गहराया है तब से पार्टी कार्यालय पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं में तेजी से गिरावट आई है। इक्का-दुक्का ही कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर पहुंच रहे हैं। उसमें भी दिल्ली के ही लोग है। बाहर से आने वाले कार्यकर्ता नाम मात्र के है।

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