अंधकार में भविष्य की नींव रख रहे 51 फीसद प्राथमिक स्कूल, छठे पायदान पर भारत

भारत के 51 फीसद प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अंधकार में शिक्षा का ज्ञान लेने को मजबूर हैं। सूची में शीर्ष पर सिएरा लियोन है जहां महज चार फीसद स्कूलों तक बिजली की पहुंची है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 06 Mar 2019 09:54 AM (IST) Updated:Wed, 06 Mar 2019 09:56 AM (IST)
अंधकार में भविष्य की नींव रख रहे 51 फीसद प्राथमिक स्कूल, छठे पायदान पर भारत
अंधकार में भविष्य की नींव रख रहे 51 फीसद प्राथमिक स्कूल, छठे पायदान पर भारत

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। किसी देश के उज्जवल भविष्य के लिए उस देश की शिक्षा प्रणाली और शैक्षणिक गुणवत्ता मायने रखती है, लेकिन भारत के 51 फीसद प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अंधकार में शिक्षा का ज्ञान लेने को मजबूर हैं। हाल ही में यूनेस्को ने विभिन्न देशों में 2017 में बिजली के अभाव में संचालित प्राथमिक स्कूलों की सूची जारी की है।

सूची में छठे पायदान पर भारत है जहां 51 फीसद प्राथमिक स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं पहुंचे हैं। सूची में शीर्ष पर सिएरा लियोन है, जहां महज चार फीसद स्कूलों तक बिजली की पहुंची है। अंतिम पायदान पर चीन है जहां 100 फीसद यानी सभी प्राथमिक स्कूलों में बिजली पहुंच चुकी है।

सुविधाओं के अभाव में शिक्षा लेते नौनिहाल

बिजली की पहुंच से दूर प्राथमिक स्कूलों का वैश्विक औसत 31 फीसद है। प्राथमिक स्कूलों में पीने योग्य शुद्ध पानी की उपलब्धता का वैश्विक औसत 79 फीसद है। सिर्फ पुरुष शौचालय वाले प्राथमिक स्कूलों का वैश्विक औसत तकरीबन 82 फीसद है। 2016 में विश्व के अन्य देशों में 46 फीसद से अधिक प्राथमिक स्कूल इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं।

सतत आर्थिक विकास लक्ष्य

संयुक्त राष्ट्र का सतत विकास का चौथा लक्ष्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्राथमिक स्कूलों में शौचालय, पीने का पानी, इंटरनेट और बिजली की पहुंच बढ़ाने का है।

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