जेएनयू शिक्षकों ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, कॉलेज प्रशासन को दी चुनौती

हाई कोर्ट के अगस्त 2017 के आदेश का हवाला दिया कि इसमें कुछ जगहों पर प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। जेएनयू शिक्षक सामान्य तौर पर सीसीएस कंडक्ट के तहत नहीं आते।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 14 Aug 2019 11:23 AM (IST) Updated:Wed, 14 Aug 2019 12:07 PM (IST)
जेएनयू शिक्षकों ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, कॉलेज प्रशासन को दी चुनौती
जेएनयू शिक्षकों ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, कॉलेज प्रशासन को दी चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी आरोप-पत्र को जेएनयू के 45 शिक्षकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 48 शिक्षकों को जारी किए गए आरोप-पत्र में इन शिक्षकों पर पिछले वर्ष जुलाई में हुए एक प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप है। न्यायमूर्ति सुरेश कैट की पीठ ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।

शिक्षकों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि जेएनयू प्रशासन द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्हें झूठे मामले में फंसाने के लिए यह आरोप-पत्र जारी किया गया है। इसमें कुल तीन आधार बताए गए हैं। इसमें से एक आधार यह है कि केंद्रीय सिविल सेवा संहिता नियमों (सीसीएस कंडक्ट रूल्स) के तहत वे प्रदर्शन नहीं कर सकते। हाई कोर्ट के अगस्त 2017 के आदेश का हवाला दिया कि इसमें कुछ जगहों पर प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। जेएनयू शिक्षक सामान्य तौर पर सीसीएस कंडक्ट के तहत नहीं आते।

यूनिवर्सिटी में फिर सक्रिय हुआ टुकड़े-टुकड़े गैंग

जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (home minister amit shah) ने एक प्रस्ताव लाकर राज्य से अनुच्छेद 370 हटा दिया है। जिसे लेकर राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Loksabha) में काफी हंगामा भी हुआ है। इस बीच जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने को लेकर दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawahar lal Nehru University) में एक बार फिर टुकड़े-टुकड़े गैंग की सक्रियता देखने को मिली।

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