26/11 Mumbai Attacks: 'मोशे' के चाचा ने कहा- आतंक के अंधेरे का जवाब अच्छाई और दया की रोशनी

अमेरिका में रहने वाले मोशे के चाचा मोशे होल्ट्जबर्ग ने शुक्रवार को कहा मुंबई आतंकी हमले को कई साल बीत चुके हैं और दुर्भाग्य से उसके बाद से कई और त्रासदी हुई हैं। अभी दो दिन पहले जेरूसलम में आतंकी हमला हुआ था।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 25 Nov 2022 05:20 PM (IST) Updated:Fri, 25 Nov 2022 05:20 PM (IST)
26/11 Mumbai Attacks: 'मोशे' के चाचा ने कहा- आतंक के अंधेरे का जवाब अच्छाई और दया की रोशनी
अमेरिका में रहने वाले मोशे के चाचा मोशे होल्ट्जबर्ग का बयान

मुंबई, पीटीआई। वर्ष 2008 में 11 साल के मोशे ने मुंबई के नरीमन हाउस पर हुए आतंकवादी हमले में अपने माता-पिता को खो दिया था। उस वक्त वह सिर्फ 2 वर्ष का था। इस आतंकवादी हमले में जीवित बचे 'मोशे' के चाचा मोशे होल्ट्जबर्ग ने कहा कि आतंक के अंधेरे का जवाब अच्छाई और दया की रोशनी है। उन्होंने आगे कहा कि शहर में हुए आतंकी हमले को 14 साल हो चुके हैं, लेकिन होल्ट्जबर्ग परिवार अपने प्यार और दया के मिशन के लिए कई लोगों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।

नाना और नाना-नानी के साथ रह रहा मोशे

पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जब 26 नवंबर को नरीमन हाउस में छबाड लुबाविच यहूदी केंद्र में उसके माता-पिता रब्बी गैवरियल और रिवका होल्ट्जबर्ग और चार आगंतुकों की हत्या कर दी थी। उस दौरान मोशे को भारतीय नैनी सैंड्रा सैमुअल ने बचाया था। त्रासदी के बीच जीवन के प्रतीक के रूप में देखा जाने वाला मोशे अब 16 साल का हो गया है और वह इजराइली शहर औफला के एक स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। इस वक्त वह अपने नाना और नाना-नानी के साथ रह रहा है।

मोशे के चाचा ने कहा

अमेरिका में रहने वाले मोशे के चाचा मोशे होल्ट्जबर्ग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए समाचार एजेंसी पीटीआई से बात की, जिसमें उन्होंने कहा, 'होल्ट्जबर्ग उस समय को याद करते हैं जब उन्होंने मोशे के साथ नरीमन हाउस और कोलाबा बाजार में समय बिताया था, जहां वे बकरियां पालते थे। उन्होंने कहा, 'हम उन्हें एकता के प्रतीक के रूप में देखते हैं और प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उन्हें अपने माता-पिता के मिशन को आगे बढ़ाने की शक्ति दे।' बता दें कि होल्ट्जबर्ग, जो 33 वर्ष के हैं, वह रब्बी गैवरील के छोटे भाई हैं।

होल्ट्जबर्ग ने कहा, 'मुंबई आतंकी हमले को कई साल बीत चुके हैं और दुर्भाग्य से उसके बाद से कई और त्रासदी हुई हैं। अभी दो दिन पहले जेरूसलम में आतंकी हमला हुआ था।' उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि आतंक के अंधेरे का जवाब अच्छाई और दया का प्रकाश है।' होल्ट्जबर्ग ने आगे कहा कि हालांकि आतंकी हमले को 14 साल हो गए हैं, फिर भी लोग उनके माता-पिता रब्बी नचमैन और फ्रीडा होल्ट्जबर्ग के पास दिल को छू लेने वाली कहानियों के साथ जाते हैं कि कैसे वे उनके भाई रब्बी गेवरियल और रिवका से प्रेरित थे।

26/11 मुंबई हमला

आपको मालूम हो कि 26/11 मुंबई हमले को पाकिस्‍तान आधारित आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयब्‍बा ने अंजाम दिया था। ताज होटल और नरीमन हाउस समेत अन्य स्थानों पर हुए इन आतंकी हमलों में 166 लोगों की जान गई थी, जबकि बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हमले में कई ऐसे लोग भी है, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को हमेशा के लिए खो दिया है। इन हमलों के घाव अब भी लोगों के मन में ताजा हैं, जिसमें से एक मोशे भी हैं।

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