Maharashtra: पिता की जयंती पर आर-पार के मूड में दिखीं पंकजा मुंडे, कहा- मैं पार्टी नहीं छोड़ने जा रही

Pankaja Munde on Hunger strike मराठवाड़ा के मुद्दे पर भाजपा नेता पंकजा मुंडे औरंगाबाद में एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगी।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 03:26 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 09:14 PM (IST)
Maharashtra: पिता की जयंती पर आर-पार के मूड में दिखीं पंकजा मुंडे, कहा- मैं पार्टी नहीं छोड़ने जा रही
Maharashtra: पिता की जयंती पर आर-पार के मूड में दिखीं पंकजा मुंडे, कहा- मैं पार्टी नहीं छोड़ने जा रही

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र भाजपा में पैदा हुई फूट गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के सामने ही खुलकर सामने आ गई। अपनी हार का ठीकरा भाजपा के ही कुछ बड़े नेताओं पर फोड़ती आ रहीं पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने यह कहकर आर-पार की लड़ाई के संकेत दे दिए कि वह पार्टी नहीं छोड़ने जा रहीं। पार्टी चाहे तो उन्हें छोड़ दे।

इसी मंच पर दूसरे असंतुष्ट नेता एकनाथ खडसे भी आज अपने साथ हुए अन्याय पर जमकर बरसे। अवसर था भाजपा के स्वर्गीय नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती का। उनकी पुत्री पंकजा मुंडे ने इस अवसर को अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल करते हुए पिता की समाधि परली स्थित 'गोपीनाथ गढ़' पर बड़ा जमावड़ा किया और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने सवाल किया कि मेरे पार्टी छोड़ने की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। ये अफवाहें कौन उड़ा रहा है, इस पर शोध कीजिए। फिर उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में हूं, लेकिन पार्टी को मुझे रखना है या नहीं, यह विचार वही करे।

भविष्य की योजना का खुलासा करते हुए पंकजा ने कहा कि मैं महिला, किसान, मजदूर और पिछड़ों-वंचितों जैसे बहुजनों का संगठन तैयार करनेवाली हूं। 27 जनवरी को मराठवाड़ा के केंद्र औरंगाबाद में एक दिन का सांकेतिक उपवास रखूंगी और फिर पूरे महाराष्ट्र में मशाल यात्रा निकालूंगी। पंकजा ने गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान नामक संगठन बनाकर गरीबों-वंचितों को इकट्ठा करने की घोषणा भी की। माना जा रहा है कि पंकजा अपने पिता के नाम पर प्रतिष्ठान बनाकर भाजपा के अंदर ही एक प्रेशर ग्रुप बनाकर पार्टी नेतृत्व को अपनी ताकत का अहसास कराएंगी।

इस अवसर पर खुद को पार्टी में उपेक्षित महसूस करते आ रहे वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे भी जमकर पार्टी पर बरसे। भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर अंतिम समय में उनकी पुत्री रोहिणी खडसे को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गईं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी और पंकजा की हार के पीछे साजिश है।

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ज्ञात हो कि पंकजा मुंडे हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मराठावाडा की परली सीट पर चचेरे भाई धनंजय मुंडे से चुनाव में पराजित हुई हैं। अपनी हार से आहत हो पंकजा ने बीते दिनों फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट भी लिखा था। पंकजा का कहना है कि महाराष्ट्र  विधानसभा चुनाव में लोगों की जीत से ज्यादा उनकी हार चर्चा में रही है। 

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