Maharashtra Political Crisis: मातोश्री के बाहर उमड़े उद्धव ठाकरे के समर्थकों के हुजूम ने की नारेबाजी, देखें वीडियो

Maharashtra Political Crisis मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अपना सरकारी बंगला छोड़ना इस बात का संकेत है कि शिवसेना को सत्ता जाने का आभास हो गया है लेकिन वह इस्तीफा देकर सत्ता नहीं जाने देना चाहते। वह विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने का मौका छोड़ना नहीं चाहते।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Jun 2022 11:23 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jun 2022 11:23 PM (IST)
Maharashtra Political Crisis: मातोश्री के बाहर उमड़े उद्धव ठाकरे के समर्थकों के हुजूम ने की नारेबाजी, देखें वीडियो
उद्धव ठाकरे अपने निजी निवास ‘मातोश्री’ पर पहुंचे

मुंबई, एएनआई /आनलाइन डेस्क। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘वर्षा’ से निकलने के बाद जब उद्धव ठाकरे अपने निजी निवास ‘मातोश्री’ पर पहुंचे तो वहां पहले से हजारों समर्थकों का हुजूम उमड़ चुका था। समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। इससे पहले संजय राउत का यह ट्वीट एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अपना सरकारी बंगला छोड़ना इस बात का संकेत है कि शिवसेना को सत्ता जाने का आभास हो गया है लेकिन वह इस्तीफा देकर सत्ता नहीं जाने देना चाहते। वह विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने का मौका छोड़ना नहीं चाहते। समाचार एजेंसी एएनआइ पर देखें वीडियो

#WATCH Maharashtra CM Uddhav Thackeray greets hundreds of Shiv Sena supporters gathered outside his family home 'Matoshree' in Mumbai pic.twitter.com/XBG0uYqYXu— ANI (@ANI) June 22, 2022


#WATCH Maharashtra CM Uddhav Thackeray reaches 'Matoshree' after leaving CM residence#Mumbai pic.twitter.com/bSZrifjAj1

— ANI (@ANI) June 22, 2022

आखिर किस वजह से शिवसेना ठाकरे ने बदली रणनीति

शिवसेना की बदली रणनीति का कारण विधानसभा उपाध्यक्ष राकांपा का होना है। महाविकास आघाड़ी मान रही है कि यदि विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की नौबत आई तो उपाध्यक्ष कई तकनीकी कारण बताकर भाजपा और एकनाथ शिंदे के मंसूबों पर पानी फेर सकते हैं, या नई सरकार बनने में अधिक से अधिक विलंब कर सकते हैं, क्योंकि गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ अभी भी सिर्फ शिवसेना के इतने विधायक नजर नहीं आ रहे हैं कि वे दलबदल कानून का दायरा से बाहर हो गए हों।

उद्धव को भावनात्मक अपील से भी उम्मीद

एकनाथ शिंदे के साथ 20 जून की रात सूरत गए विधायकों में से कुछ वापस उद्धव के खेमे में लौट चुके हैं। इसलिए उद्धव को यह उम्मीद भी है कि उनकी भावनात्मक अपील काम कर गई तो शिंदे के खेमे में गए कुछ विधायक और वापस आ सकें तो शिंदे को दलबदल कानून का दायरा तोड़ने में मुश्किल हो सकती है।

chat bot
आपका साथी