सुशिक्षित समाज: बच्चों की मसीहा बनी अनोआरा खातून

अब तक रोके हैं 50 बाल विवाह, कन्या तस्करी की 135 कोशिशों को किया नाकाम

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 23 Mar 2017 04:13 PM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2017 04:18 PM (IST)
सुशिक्षित समाज: बच्चों की मसीहा बनी अनोआरा खातून
सुशिक्षित समाज: बच्चों की मसीहा बनी अनोआरा खातून

11 साल की एक बच्ची ने बहुत बड़ा सपना देखा था-बाल श्रम, बाल विवाह और कन्या तस्करी मुक्त समाज का। अपने सपने को साकार करने में वह पिछले एक दशक से जुटी हुई है। उसने अब तक 50 बाल विवाह रोके हैं, कन्या तस्करी की 135 कोशिशों को नाकाम किया है और 180 बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर उनके अपनों से मिलाया है। इसके अलावा 400 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया है। इतने सारे असाधारण कार्य अनोआरा खातून ने किए हैं, जो अब 21 साल की हो चुकी है।

अनोआरा को बच्चों की मसीहा कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उसकी मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक दाद दे चुके हैं। इस साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अनोआरा को राष्ट्रपति भवन में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उसे अपने हाथों से पुरस्कृत कर चुकी हैं। देश ही नहीं, विदेश में भी अनोआरा के कार्यों को खूब सराहा गया है। उसे बाल अधिकारों से जुड़े मसलों पर वक्तव्य रखने के लिए एक नहीं, दो-दो बार (2015 व 2016) न्यूयॉर्क में आयोजित हुई युनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली मीट में आमंत्रित किया जा चुका है। इससे पहले अनोआरा 2014 में ब्रूसेल्स में बाल अधिकारों पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।  

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