सोशल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों की सेहत पर, इस तरह रखें ख्याल

social distancing impact- लॉकडाउन में बुजुर्गों का रखें ख्याल।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 06:30 PM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2020 12:00 PM (IST)
सोशल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों की सेहत पर, इस तरह रखें ख्याल
सोशल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों की सेहत पर, इस तरह रखें ख्याल

नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोविड-19 के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों पर मंडरा रहा है। उम्र के लिहाज से देखा जाए तो कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की हुई हैं। अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके अनुसार, बच्चों और बुजुर्गों को कोरोना से बहुत अधिक बचाव करने की जरूरत है। इस लॉकडाउन से बुजुर्गों का लाइफस्टाइल बेहद प्रभावित हुआ है। वे वॉक नहीं कर सकते, रूटीन चैक-अप कराने अस्पताल नहीं जा सकते, नतीजा उनकी बीमारी में इजाफा हो रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का असर है कि बुजुर्ग डिप्रेशन में जा रहे हैं। अकेलापन, आर्थिक तंगी और शारीरिक तकलीफ के चलते बुजुर्ग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। आप भी चाहते हैं कि आपके पैरेंट्स और दादा-दादी घर में तंदुरुस्त रहें तो इस मुश्किल वक्त में उनका ख्याल रखें।

जिन लोगों को सर्दी जुकाम है, वे बुजुर्ग लोगों से दूरी बनाए रखें, ताकि उन्हें किसी तरह का फ्लू नहीं लगे। बुजुर्गों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए देशी उपचार करें। उन्हें काली मिर्च, अदरक और लौग खिलाएं, ताकि उनका इम्यून सिस्टम बूस्ट रहे। बुजुर्गों को कोरोना बीमारी के बारे में बताएं। चिकित्सा और उपचार के बारे में जानकारी दें, ताकि वो संभल कर चलें। व्यायाम और योग उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि खाली वक्त में उन्हें घर में ही व्यायाम और योग करने में मदद की जाए। उन्हें धार्मिक चैनल दिखाएं, ताकि उनका वक्त अच्छा गुजरे। 

                         Written By Shahina Noor

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