मानसून के मज़े के बीच अपने घर में घुसे ख़तरे को पहचानें और खुद को बचाएं

मच्छरों से होने वाली इन बीमारियों से बचने का सिर्फ़ एक ही तरीका है और वो है मच्छरों की रोकथाम। मच्छरों को पैदा होने से रोका जाएगा तभी इन बीमारियों पर लग़ाम लगाई जा सकेगी।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 31 Aug 2018 05:19 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 05:53 PM (IST)
मानसून के मज़े के बीच अपने घर में घुसे ख़तरे को पहचानें और खुद को बचाएं
मानसून के मज़े के बीच अपने घर में घुसे ख़तरे को पहचानें और खुद को बचाएं

नई दिल्ली, जेएनएन। Dengue Prevention And Cure: देशभर में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है, बारिशों का इंतज़ार कर रहे लोगों को गर्मी से राहत देता ये मानसून कई मायनों में ख़ास होता है। लेकिन मानसून के यही ख़ास और मज़ेदार दिन आपके लिए ख़तरनाक साबित भी हो सकते हैं। देश का लगभग हर शहर मानसून के बाद से ही जल-जमाव की समस्या से जूझता दिखा। ऐसे में सड़कों को छोड़ भी दिया जाए तो घरों की छतों पर रखें पुराने टायरों, डिब्बों और दूसरे सामानों में भरा पानी मच्छरों का ब्रीडिंग ग्राउंड बनता है। 

साल-दर-साल मानसून के बाद मच्छरों से होने वाली बीमारियां लाखों लोगों को अपना शिकार बनाती हैं। चाहे वो मलेरिया हो, चिकनगुनिया या फिर डेंगू, इतने सालों में इन बीमारियों का दंश झेलने वाले लोगों की तादाद में लगातार इज़ाफा देखने को मिला है। जिसकी पूरी उम्मीद इस साल भी की जा सकती है। मच्छरों से होने वाली इन बीमारियों से बचने का सिर्फ़ एक ही तरीका है और वो है मच्छरों की रोकथाम। मच्छरों को पैदा होने से रोका जाएगा तभी इन बीमारियों पर लग़ाम लगाई जा सकेगी। मानसून में बारिश की फुहारों का मज़ा लेने के साथ-साथ हम सभी को अब अपने घर में घुसपैठ करने वाले इन मच्छरों के खिलाफ़ खुद को तैयार करना होगा और सतर्क रहना होगा। 

मच्छरों से होने वाली बीमारियों की बात की जाए तो मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो सैकड़ों सालों से हमारे बीच पैठ बनाए हुए है। आज तक भारत में मलेरिया एक जानलेवा बीमारी के रूप में जाना जाता है। आज हम मॉर्डन युग में भी मलेरिया जैसी बीमारी के अधीन क्यों है? क्योंकि हमने हमेशा से ही इस बीमारी को अपनी गैर ज़िम्मेदाराना रवैये की वजह से न्यौता दिया और हमेशा से ही इसे कम आंका है, नतीजतन इसने हमेशा से ही अपने विकराल रूप से मानवीय सभ्यता की जड़े हिलाई हैं।

भले ही बीते वक़्त और विज्ञान की तरक्की के बीच हमने मलेरिया को पछाड़ने के लिए कई दवाएं इजाद की हों लेकिन मलेरिया के साथ-साथ डेंगू और चिकनगुनिया भी हमारे बीच आ पसरे, जिन्होंने मलेरिया से भी बड़ी महामारी का रूप लिया। दिल्ली में पिछले दो सालों में ही चिकनगुनिया और डेंगू हज़ारों जानों को लील चुका है। ऐसे में हमें पहले से भी ज़्यादा सतर्क रहते हुए मच्छरों के इस आतंक को ख़त्म करना होगा, जिसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है जागरुकता। 

शायद हम और आप मच्छरों की रोकथाम से जुड़ी बुनियादी जानकारी रखते हों लेकिन हमारे लिए ये भी ज़रूरी है कि हम इन जानकारियों को दूसरों तक भी पहुंचाए, जिससे इन बीमारियों पर लग़ाम लगाई जा सके। तो आइये आज से ही शुरुआत करते हैं “डेंगू" के खिलाफ़ हम अभियान की... जिसके अंतर्गत हम आप तक पहुंचाएंगे डेंगू की रोकथाम से जुड़ी बेहद ही ख़ास जानकारियां, जिससे आप रहें सतर्क और स्वस्थ।

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