Post Covid Reaction: अब बच्चों पर मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का कहर, जानें इसके लक्षण

Post Covid Reaction एकेडमी के अनुसार MIS-C के मामलों में अचानक उछाल आमतौर पर 4 से 18 साल के बीच के COVID रोगियों में देखा गया है। हालांकि कुछ दुर्लभ मामले ऐसे भी हैं जिसमें छह महीने के बच्चे भी MIS-C से प्रभावित पाए गए हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 03:49 PM (IST)
Post Covid Reaction: अब बच्चों पर मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का कहर, जानें इसके लक्षण
अब बच्चों पर MIS-C का कहर, 5 दिनों में आए 100 से ज़्यादा मामले, जानें लक्षण

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Post Covid Reaction: भारत इस वक्त कोविड-19 की दूसरी और बेहद ख़तरनाक लहर के कहर से जूझ रहा है। इसी बीच उत्तर भारत में पिछले पांच दिनों में बच्चों में मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) के 100 से अधिक मामले देखने को मिले हैं, जो कि पोस्ट-कोविड प्रतिक्रिया के रूप में सामने आए हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर ने अपने डेटा का हवाला देते हुए ये जानकारी दी है। 

एकेडमी के अनुसार, MIS-C के मामलों में अचानक उछाल आमतौर पर 4 से 18 साल के बीच के COVID रोगियों में देखा गया है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें छह महीने के बच्चे भी MIS-C से प्रभावित पाए गए हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर के अनुसार, भारत में 26 फीसदी आबादी 14 साल से कम उम्र की है और इसमें से करीब आधी आबादी पांच साल से कम उम्र की है।

क्या हैं MIS-C के लक्षण

सबसे चिंता की बात यह है कि इस रोग के लक्षण डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों जैसे ही हैं। ऐसे में अगर बच्चों को दो-तीन दिन बुखार, उल्टी, दस्त, आंख, मुंह लाल, शरीर पर चकत्ते हों तो सावधान हो जाएं।

- तीन से पांच दिनों तक बुख़ार 

- पेट में तेज़ दर्द 

- रक्तचाप में अचानक गिरावट

- दस्त

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कोविड एक्सपर्ट और बाल चिकित्सा पल्मोनोलॉजिस्ट व इंटेंसिविस्ट और सर गंगा राम अस्पताल के एक वरिष्ठ सलाहकार डॉ. धीरेन गुप्ता, ने कहा, "MIS-C फेफड़े, गुर्दे और मस्तिष्क सहित सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। इस वक्त गंगा राम अस्पताल में MIS-C के 10 मामले हैं। हालांकि, अगर शुरुआीत लक्षणों की पहचान समय रहते कर ली जाए, तो रोगियों का इलाज किया जा सकता है। पिछले साल हमारे पास 120 मरीज़ थे, जिनमें से एक को छोड़कर सभी ठीक हो गए थे।"

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

chat bot
आपका साथी