कुपोषण है एनीमिया की सबसे बड़ी वजह, जानें कैसे कर सकते हैं इसे दूर

कुपोषण के कारण महिलाओं का वजन लगातार गिरता जाता है जिससे वो कई बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। तो यहां हम कुपोषण की वजहों और उसे दूर करने के उपायों के बारे में जानेंगे।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 03:51 PM (IST) Updated:Fri, 06 Sep 2019 07:00 AM (IST)
कुपोषण है एनीमिया की सबसे बड़ी वजह, जानें कैसे कर सकते हैं इसे दूर
कुपोषण है एनीमिया की सबसे बड़ी वजह, जानें कैसे कर सकते हैं इसे दूर

महिलाएं आमतौर पर खून की कमी की समस्या से ग्रसित रहती हैं। शरीर में खनिज तत्व आयरन की कमी से एनीमिया होता है। भारत में तो आधी आबादी कुपोषण के कारण होने वाले एनीमिया का शिकार हैं। कुपोषण के कारण ही महिलाओं का वजन लगातार गिरता जाता है और वे विभिन्न बीमारियों की चपेट में भी आ जाती हैं। देखा गया है कि गर्भवती महिलाएं एनीमिया की समस्या से अधिक ग्रसित रहती हैं। यदि बचपन से ही लड़कियों के पोषण के संदर्भ में ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।

गंभीरता से ले खून की कमी को

पोषक तत्वों की कमी का असर लंबाई, वजन, कमजोरी और दुर्बलता के रूप में सामने आता है, तो थकान, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द होना एनीमिया के सामान्य लक्षण हैं। जब दैनिक आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, वसा और खनिज जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते हैं, तब धीरे-धीरे महिलाएं खून की कमी का शिकार होने लगती हैं। आमतौर पर इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। इसका प्रभाव यह होता है कि भविष्य में लड़कियों का शरीर कमजोर हो जाता है। लड़कियों के विवाह के पश्चात गर्भावस्था के दौरान कुपोषण से खून की कमी की स्थिति विभिन्न गंभीर रोगों का रूप ले लेती है।

एक बड़ा कारण

पोषण के मामले में लड़कियों के साथ होने वाला भेदभाव नई बात नहीं है। उनकी सेहत की ओर उतना ध्यान नहीं दिया जाता है, जितना कि लड़कों की सेहत पर दिया जाता है। लड़कियों को समुचित मात्रा में पोषक तत्व न मिल पाने के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका असर पड़ता है और भविष्य में वे कुपोषण के कारण एनीमिया का शिकार हो जाती हैं।

जरूरी है ध्यान देना

ग्लोबल न्यूट्रीशियन रिपोर्ट 2017 की के अनुसार एनीमिया की समस्या से जूझ रही महिलाओं की सूची में भारत सबसे ऊपर है। भारत में 51 प्रतिशत से अधिक महिलाएं खून की कमी की बीमारी से जूझ रही हैं। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर महिलाओं में कम वजन और एनीमिया की समस्या को हल करने की प्रगति बहुत धीमी रही है। वर्ष 2000 से अब तक कम वजन महिलाओं की संख्या में मामूली कमी आयी है।बचने के आसान उपाय

एनीमिया से बचने के कुछ आसान उपाय हैं। किशोरावस्था से ही यदि लड़कियों के खानपान पर ध्यान दिया जाए तो वे कुपोषण की समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं। आसानी से उपलब्ध होने वाला गुड़, मोटा अनाज, चना, मूंगफली, तिल, सब्जियां जिनमें पालक, ब्रोकली, ड्राईफ्रूट जिसमें काजू, मुनक्का, फल जिनमें अंगूर, अमरूद, चुकंदर और तुलसी में एनीमिया से बचाव में कारगर खनिज आयरन पाया जाता है। इनका सेवन कर एनीमिया से बचा जा सकता है और वजन भी नियंत्रित किया जा सकता है।

मलय वाजपेयी

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