Colon Cancer Prevention: क्या डाइट और कुछ दवाओं से कम हो सकता है कोलन कैंसर का ख़तरा?

Colon Cancer Prevention क्या आप कोलन कैंसर के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो खाने में ऐसी चीज़ें शामिल न करें जिनसे शरीर में सूजन पैदा होती है। साथ ही तनाव कम करें और रोज़ाना एक्सर्साइज़ ज़रूर करें।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 04:50 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 04:50 PM (IST)
Colon Cancer Prevention: क्या डाइट और कुछ दवाओं से कम हो सकता है कोलन कैंसर का ख़तरा?
Colon Cancer & Diet: क्या डाइट और कुछ दवाओं से कम हो सकता है कोलन कैंसर का ख़तरा?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Colon Cancer Prevention: समय-समय पर मेडिकल एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक हमें खाने के आदतों और कैंसर की बीच के संबंध को लेकर सचेत करते रहते हैं, ख़ासतौर पर कोलन कैंसर। हॉट डॉग, सोडा, सफेद ब्रेड जैसी चीज़ें भले ही खाकर दिल ख़ुश हो जाता है, लेकिन इस तरह का खाना शरीर को जो नुकसान पहुंचाता है, उसे ठीक करना बेहद मुश्किल हो जाता है। 

सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि कोलन क्या है और क्या काम करता है?

कोलन यानी मलाशय हमारे शरीर में पाचन तंत्र का ही हिस्सा होता है। जब हम खाना खाते हैं, तो हमारा शरीर भोजन को पचाने के बाद लिक्विड और हार्ड मटीरियल को अलग-अलग कर देता है। यह काम आंतों में होता है। इसके बाद वेस्ट मटीरियल कोलन में जमा होता है और मल के रूप में बाहर आता है। वहीं, पेट में खाना तरल पदार्थ में तब्दल होकर छोटे बॉवल में जाता है और पैनक्रियाज़, लिवर और गॉलब्लेडर की मदद करता है। यहां वह जगह है जहां भोजन में सभी महत्वपूर्ण विटामिन और पोषक तत्व अवशोषित होते हैं। इसमें से बचा हुआ हिस्सा मल के रूप में बाहर चला जाता है।

कोलन कैंसर: कोलन को कोलोरेक्टल या बाउल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। ये कोलन, रेक्टम और अपेंडिक्स के भागों में कैंसर कोशिकाओं का विकास करता है। इसकी शुरुआत बड़ी आंत (कोलन) से शुरू होती है। कोलन कैंसर पुरुष और महिला दोनों को हो सकता है। आमतौर पर ये बीमारी 40 से ऊपर वाले लोगों को ज्यादा होती है।  डॉक्टर्स का कहना है कि अगर कोलन कैंसर के बारे में आखिरी स्टेज में पता लगता है तो पीड़ित व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। 

क्या डाइट से पड़ता है कैंसर पर असर? 

हार्वर्ड में एक रिसर्च ये समझने के लिए कि गई कि कैंसर की घटनाओं पर डाइट और दवाओं का क्या प्रभाव पड़ता है। कुल मिलाकर, परिणाम निराशाजनक थे, कोई विशिष्ट दवा, भोजन या सप्लीमेंट शरीर में सबूत के तौर पर नहीं मिले। लेकिन वैज्ञानिकों को कोलन कैंसर के कम जोखिम और एस्प्रिन, आइबूप्रोफेन और नैप्रोक्सेन जैसी nonsteroidal एंटी-इंफ्लामेंट्री दवाओं (NSAIDs) और फल, सब्ज़ियों व फाइबर के अधिक सेवन के बीच एक संबंध मिला।

प्रकाशित शोध में यह स्पष्ट किया कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि NSAIDS सामान्य आबादी में कोलन कैंसर को रोकता है, और इसलिए आपको जब तक डॉक्टर द्वारा सलाह न दी जाए, तब तक सिर्फ कैंसर की रोकथाम के लिए NSAID नहीं लेना चाहिए। लेकिन वे इस बात को मानते हैं कि अपनी डाइट में कुछ पोषण तत्व जैसे ज़्यादा से ज़्यादा फल, सब्जियां और फाइबर शामिल करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।

2018 में हुए शोध में क्या पाया

- इस शोध में एक लाख 20 हज़ार पुरुषों और महिलाओं की खाने की आदतों को रिकॉर्ड किया गया था। 

- 26 सालों तक चले इस सर्वे को हर चार साल में किया गया था। 

- अध्ययन में शामिल कई लोग शरीर में सूजन को सबसे अधिक बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थ खा रहे थे, जैसे- लाल और प्रोसेस्ड मीट, चीनी युक्त ड्रिंक्स और रिफाइंड अनाज आदि, जो कोलोरेक्टल कैंसर की जोखिम को बढ़ाते हैं। 

- जो लोग शरीर में सूजन को बढ़ावा देने वाली चीज़ों का सेवन नहीं कर रहे थे, उनमें कोलन कैंसर की संभावना भी कम थी।  

- पुरुषों के लिए जोखिम 44% अधिक था, वहीं महिलाओं के लिए, जोखिम 22% अधिक था, जो प्रो-इंफ्लामेटरी डाइट ले रहे थे, सब्जियां या फल कम खा रहे थे, साथ ही चाय/कॉफी और शराब का सेवन ज़्यादा था।

इस शोध से क्या समझ आया

- कैंसर से बचने के लिए ऐसा खाना कम खाएं जिससे शरीर में सूजन पैदा हो।

- तनाव न लें

- लाइफस्टाइल में वर्कआउट को अहमियत दें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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