कंटेनमेंट जोन में असुविधा को लेकर बवाल, चार घंटे दिया धरना

कंटेनमेंट जोन में प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के कारण रविवार को लोग आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए। लोगों ने करीब चार घंटे अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। मामला सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र हंसाहुड़ी बस्ती का है

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 01:07 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:16 AM (IST)
कंटेनमेंट जोन में असुविधा को लेकर बवाल, चार घंटे दिया धरना
कंटेनमेंट जोन में असुविधा को लेकर बवाल, चार घंटे दिया धरना

जासं, सरायकेला : कंटेनमेंट जोन में प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के कारण रविवार को लोग आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए। लोगों ने करीब चार घंटे अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। मामला सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र हंसाहुड़ी बस्ती का है। लोगों का दर्द उस वक्त फूट पड़ा जब उनके घरों के चूल्हे ठंडे पड़े रहे। सुविधाएं बहाल कराने को लेकर रविवार सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक बस्तीवासियों ने जमकर बवाल काटा।

जानकारी के मुताबिक 14 दिनों के कंटेनमेंट जोन में एक दिन के लिए भी कोई झांकने और हालचाल तक पूछने नहीं आया। जिम्मेदार इंसीडेंट कमांडर सरायकेला नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह द्वारा भी कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। घरों में गंदगी के जमे अंबार के बीच लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। वहीं चार से पांच परिवारों में बीते चार-पांच दिन से चूल्हा तक नहीं जला। दिहाड़ी मजदूरी वाले पैसे के अभाव में राशन तक नहीं मांगा सके। इधर बिना वजह और 14 दिनों की कंटेनमेंट जोन अवधि बढ़ाने की घोषणा पर बस्ती वासियों का गुस्सा फूट पड़ा। और धरने पर बैठ गए।

सूचना पर सरायकेला बीडीओ प्रवीण कुमार एवं थाना प्रभारी नवीन प्रकाश पांडेय पुलिस बल के साथ पहुंचे। पहले तो रौबदार तरीके से कानूनी कार्रवाई किए जाने की धमकी देते हुए लोगों को शांत कराने का प्रयास किया। परंतु पेट और परिवार की भूख इतनी प्रबल रही कि बाद में बीडीओ को भी लिखित रूप से शिकायत लेते हुए यथासंभव कार्रवाई करने और सुविधा बहाल करने का आश्वासन देना पड़ा। 20 जुलाई को हंसाहुड़ी को बनाया था कंटेनमेंट जोन

पॉजिटिव केस मिलने के बाद 20 जुलाई को हंसाहुड़ी बस्ती को 14 दिनों के लिए कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया था। जिसकी अवधि चार अगस्त को पूरी होने होनी है। लेकिन अगले 14 दिनों के लिए यानि 18 अगस्त तक कंटेनमेंट जोन अवधि की यथास्थिति बरकरार रखने की सूचना जारी कर दी गई। जिस पर लोग भड़क गए।

वहीं इंसीडेंट कमांडर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पिछले 14 दिनों में एक दिन भी कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई। बस्ती वासियों ने उपायुक्त से मांग की कि दैनिक रोजमर्रा की सामग्री, मास्क, दवा एवं सैनिटाइजर जैसी सुविधा मुहैया कराते हुए लापरवाह पदाधिकारी के ऊपर कार्रवाई की जाए। कंटेनमेंट जोन में नहीं आया कोई झांकने, भूख से बिलबिला गए

सरायकेला थाना क्षेत्र स्थित हंसाहुड़ी बस्ती को 14 दिन के लिए कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया था। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई झांकने तक नहीं गया। सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई गई। जिससे चार-पांच घरों में चार-पांच दिन से चूल्हे तक ठंड पड़े रहे। लोग भूख से बिलबिला गए। साफ-सफाई भी नहीं कराई गई। कूड़े का अंबार लग गया है। चार अगस्त को कंटेनमेंट जोन की अवधि खत्म होने वाली थी लेकिन प्रशासन ने फिर 14 दिन के कंटेनमेंट जोन की घोषणा कर दी। जिससे बस्तीवासियों का पारा 7वें आसमान पर पहुंच गया और सड़क पर उतरकर धरना पर बैठ गए। एक दिन भी कोई झांकने नहीं आया है। दिए गए नंबर पर फोन करने से कोई नहीं उठाता है।

- बेबी सामल, कंटेनमेंट जोन निवासी। पति कुली का डेली काम कर परिवार चलाते हैं। पिछले कई दिनों से घर से बाहर नहीं निकलने के कारण घर में अनाज खत्म हो चुका है।

- पिकी गोप, कंटेनमेंट जोन निवासी। नगर पंचायत से कोई भी नहीं आया है। फोन करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती है। किरायेदारों को किराया देना मुश्किल हो गया है।

- सुमित पाणी, कंटेनमेंट जोन निवासी। किराए के मकान में रहकर बाइक शोरूम में काम करता हूं। काम पर नहीं जाने से पैसा खत्म हो गए। सामान भी नहीं खरीद पा रहा हूं। कोरोना टेस्ट नहीं कराए जाने के बावजूद भी 14 दिनों का और कंटेनमेंट जोन अवधि बढ़ाया जाना प्रताड़ित करने वाला है।

- मनजीत कुमार, कंटेनमेंट जोन निवासी। घोषणा किए गए कंटेनमेंट जोन के लिए कोई भी सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई। साफ सफाई नहीं होने के कारण घरों में भी गंदगी के कारण नारकीय जीवन होता जा रहा है।

- परितोष महापात्र, कंटेनमेंट जोन निवासी। ऐसे दिन पहले कभी नहीं देखे। अपने ही घरों में खाना खाने को मोहताज हो चले हैं। कुछ भी सामान नहीं मिल रहा है। जिससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

- कल्याणी, कंटेनमेंट जोन निवासी। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह को कोविड-19 संकट की परिस्थिति में जिला मुख्यालय में निवास करना चाहिए। जो आज तक नहीं हुआ है। उनकी लापरवाही के कारण ही कंटेनमेंट जोन हंसाहुड़ी के चार से पांच घरों में बीते चार-पांच दिन से चूल्हा तक नहीं चल पाया है।

- मनोज कुमार चौधरी, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत, सरायकेला। विधि व्यवस्था को लेकर कंटेनमेंट जोन में लगातार गश्ती की जा रही है। साथ ही निवासियों से उनकी सुविधा और असुविधा की जानकारी भी ली जा रही है। असुविधा के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं।

- नवीन प्रकाश पांडेय, थाना प्रभारी सरायकेला

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